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Air India को टाटा ग्रुप को सौंपे जाने पर लग सकता है ग्रहण, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ‘एयर इंडिया’ की विनिवेश प्रक्रिया को रद्द करने और अधिकारियों द्वारा इसे दी गई मंजूरी पर रोक लगाने के अनुरोध के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ मंगलवार को स्वामी की याचिका पर सुनवाई कर सकती है.

राज्यसभा सदस्य स्वामी ने मौजूदा एयर इंडिया विनिवेश प्रक्रिया के संबंध में अधिकारियों द्वारा किसी भी अग्रिम कार्रवाई या निर्णय या अनुमोदन अथवा अनुमति को रद्द करने का अनुरोध किया है. स्वामी ने अधिवक्ता सत्य सबरवाल के माध्यम से दायर याचिका में अधिकारियों की भूमिका और कार्यशैली की सीबीआई जांच कराने और इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करने का भी अनुरोध किया है.

एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की बिक्री हुई है

पिछले साल अक्टूबर में केंद्र सरकार ने टाटा संस की एक कंपनी द्वारा एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के 100 प्रतिशत शेयरों के साथ-साथ ‘ग्राउंड हैंडलिंग’ कंपनी एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए पेश की गई उच्चतम बोली को स्वीकार किया था.

इस महीने डील पूरा होने की  है उम्मीद

इधर माना जा रहा है कि एयर इंडिया को टाटा ग्रुप को सौंपने का काम इस महीने पूरा हो सकता है. रेग्युलेटरी अप्रूवल में विलंब के कारण जो डील दिसंबर के अंत तक पूरी हो जानी चाहिए थी, वह अब महीने में पूरी होगी. 20 दिसंबर को CCI यानी कॉम्पटिशन कमिशन ऑफ इंडिया से भी इस डील को मंजूरी मिल गई थी.

18 हजार करोड़ में हुई यह डील

सरकार ने 25 अक्टूबर को 18,000 करोड़ रुपए में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा संस के साथ खरीद समझौता किया था. टाटा सौदे के एवज में सरकार को 2,700 करोड़ रुपए नकद देगी और एयरलाइन पर बकाया 15,300 करोड़ रुपए के कर्ज की देनदारी लेगी.

एयर इंडिया पर कुल 61,562 करोड़ का बकाया

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार को इस सौदे के तहत मिलने वाली नकद राशि अधिग्रहण प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही मिलेगी. एयर इंडिया वर्ष 2007-08 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से ही लगातार घाटे में चल रही थी. पिछले 31 अगस्त को उस पर कुल 61,562 करोड़ रुपए का बकाया था.

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