
बक्सर: बिहार के बक्सर में रघुनाथपुर स्टेशन के पास नॉर्थईस्ट एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई. ट्रेन की सभी बोगियां बेपटरी हो गईं, जिसमें तीन बोगी पूरी तरह पलट गईं. हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है, जिसमें चार की पुष्टि हुई है. मरने वालों में एक मां और आठ साल की बच्ची भी शामिल है, जबकि दो अलग-अलग युवकों की मौत हुई है. रेल प्रशासन ने बक्सर रेल हादसे पर मुआवजे का ऐलान कर दिया है. ट्रेन के गार्ड ने बताया कि जब हादसा हुआ उस वक्त ट्रेन 100 किलोमीटर प्रतिघंंटे की रफ्तार पकड़ चुकी थी.
“मैं अपनी सीट पर बैठा था अचानक जोरदार झटका लगा और मैं नीचे गिर गया. कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हुआ है? ट्रेन की गति 100 किमी की रही होगी. जब तक खड़े होते तब तक ट्रेन दुर्घनाग्रस्त हो गई थी. हादसा कैसे हुआ इसका जवाब सिर्फ ड्राइवर ही दे सकता है.”- विजय कुमार, ट्रेन का गार्ड
तीन मृतकों की हुई पहचान: मृतकों की पहचान उषा भंडारी और आठ वर्षीय पुत्री अमृता कुमारी के रूप में हुई जो आसाम के तिनसुकिया जिला के सदियां गांव के निवासी थी. मां-बेटी पति और अन्य एक बच्ची के साथ दिल्ली से आसाम जा रहे थे. तीसरे मृतक की पहचान बिहार के किशनगंज के सपतेया विष्णुपुर के 27 वर्षीय जैद के रूप में की गई है ये दिल्ली से किशनगंज जा रहा था. चौथे मृतक की पहचान नहीं हो पाई है. मृतकों के अलावा 50 से अधिक लोग जख्मी है. इन सभी का इलाज बक्सर, भोजपुर और पटना एम्स में कराया जा रहा है.
मुआवजे का ऐलान : बक्सर रेल हादसे में मरने वाले मृतकों के परिजनों को रेल प्रशासन 10-10 लाख रुपए की सहायता राशि देगा. वहीं घायलों को 50-50 हजार रुपए की घोषणा की गई है. हादसे की जांच संरक्षण आयुक्त रेलवे पूर्वी सर्कल कोलकाता के द्वारा किया जाएगा इसके लिए टीम पटना पहुंच रही है.
क्या कहते हैं प्रत्यक्षदर्शी?: मृतक के परिजन और प्रत्यक्षदर्शियों ने हादसे को भयावह बताते हुए बताया कि ऐसी बोगी के कुछ यात्री लगभग सो चुके थे, कुछ सोने की तैयारी में थे. तभी अचानक ट्रेन झटका देने लगी. सभी लोग अपने बर्थ से गिरने लगे. लगभग 10 से 15 मिनट तक ट्रेन पूरी तरह से यात्रियों को झकझोरती रही. जबतक किसी को कुछ समझ आता तब तक ट्रेन की 21 बोगिया डिरेल हो चुकी थी. दो बोगी बेपटरी होकर पूरी तरह से पलट गई थी.
दिल दहला देने वाला था वो मंजर: ट्रेन में सवार यात्रियों के लिए ये मंजर काफी खौफनाक था. रेलवे ट्रैक उखड़ गया था, कोई यात्री बेड के नीचे दबा था तो कोई खिड़की के नीचे, कोई शौचालय में फंसा रहा. हादसा इतना जोरदार था कि आवाज एक किलोमीटर दूर अस्थनीय लोगों तक पहुंच गई. सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बिना किसी के ऑर्डर के रेस्क्यू में जुट गए.
”जैसे ही ट्रेन पटरी से डिरेल हुई हम अपनी बर्थ के नीचे गिर गए.. मेरे ऊपर दूसरे यात्रियों का सामान भी गिर गया. हम किसी तरह शीशे को तोड़कर बाहर निकले. चारों तरफ चीख पुकार मच गई थी.”- अब्दुल मलिक, असम के यात्री
यात्री ने बताई आपबीती: ट्रेन हादसे में जख्मी आसाम के अब्दुल मलिक ने बताया कि वो अपने बर्थ के नीचे दबे थे. जैसे-तैसे बाहर निकले तो देखा कि ट्रेन का एक्सिडेंट हो गया है. सभी बोगियां इधर-उधर पड़ी हैं. जिसके बाद देखा कि बहुत से आसपास के लोग मदद में जुट गए थे और शीशे को तोड़ कर यात्रियों को निकाल रहे थे. नार्थ ईस्ट 12505 ट्रेन के गार्ड विजय कुमार ने बताया कि हम तकरीबन 9 बजकर 50 कुछ मिनट हो रहा था हम अपने सीट पर बैठ कर कागजी कार्रवाई कर रहे थे तभी एकाएक झटका लगा और हम अपनी सीट से नीचे गिर गए.
तेजस्वी यादव ने हदासे को बताया दुखद : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने हादसे को लेकर कहा है कि बिहार सरकार ने बक्सर डीएम और आसपास की प्रशासनिक मशीनरी को हादसे वाली जगह पर तैनात कर दिया है. हम पल पल की अपडेट ले रहे हैं. हादसा दुखद है. घायलों को आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है. प्रशासन के लोग रेलवे से संपर्क बनाए हुए हैं.
“जिस तरह से आसपास के ग्रामीणों ने प्रशासन की मदद पहुंचने से पहले यात्रियों की मदद की वो तारीफ के पात्र हैं. रेलवे रेस्क्यू चला रहा है. ये हादसा क्यों हुआ रेलवे इसकी जांच कर रहा है. फिलहाल हमारी प्राथमिकता घायलों के समुचित इलाज की है. हम घायलों के समुचित इलाज का इंतजाम करवा रहे हैं. मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा. ये हादसा काफी दुखद है.”– अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री
हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए गए हैं.
PNBE – 9771449971
DNR – 8905697493
ARA – 8306182542
COML CNL – 7759070004