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महाकुंभ में आए ‘चाय वाले बाबा’, न खाते हैं न बोलते हैं, फिर भी IAS बनने में करते हैं मदद

Kumbh Mela 2025: 13 फरवरी से दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक त्योहार महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। यूपी की योगी सरकार इस त्योहार को लेकर जमकर तैयारियों में जुटी हुई है। अभी से ही महाकुंभ को लेकर दुनिया भर में इसके चर्चा हो रही है। इसी बीच प्रतापगढ़ के एक बाबा का भी खूब नाम हो रहा है। लोग इन्हें प्यार से चाय वाले बाबा के नाम से जानते हैं। बाबा इन दिनों धार्मिक मेले में आए हुए हैं।

40 सालों से हैं मौन

बाबा की खास बात यह है कि बीते 40 सालों से उन्होंने न कुछ खाया और न ही कुछ बोला। उन्होंने मौन रहने और भोजन न करने की कसम खा रखी है, इतना ही नहीं वे यूपीएससी एस्पिरेंट्स की मदद भी करते हैं। एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा हर दिन सिर्फ चाय पीकर ही जीवित रहते हैं, कहा जा रहा कि बाबा रोजाना 10 कप चाय पीकर ही अपना जीवन जी रहे हैं।

शिष्यों ने दी ये जानकारी

उनके एक छात्र ने जानकारी देते हुए बताया कि मैं करीबन 5 सालों के महराज जी से जुड़ा हूं। हम उनके अनुयायी हैं, समय-समय पर , जब हमें उनकी मदद की जरूरत होती है तो वे यूपीएससी में हमारा मार्गदर्शन करते हैं। आगे कहा कि भाषा महज एक माध्यम है, जो लिखित या मौखिक हो सकता है। गुरुजी ने मौन साधना कर रखी है, लेकिन हम उनके इशारे और वाट्सऐप संदेशों के माध्यम से समझ जाते हैं। हमारे सवालों के बारे में वे हमें लिखित में जवाब देते हैं।

महाकुंभ की अन्य बातें

जानकारी दे दें कि महाकुंभ 12 वर्षों में एक बार लगता है। प्रयागराज के महाकुंभ का अपना ही अलग महत्व है। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का सगंम है इस कारण यहां के महाकुंभ महत्व अधिक माना जाता है। 13 जनवरी की इसकी शुरुआत हो रही है हालांकि पहला शाही स्नान 14 तारीख को है, इस दिन दूर-दूर आए नागा साधू सबसे पहले शाही स्नान करेंगे, उसके बाद आम लोग स्नान कर सकेंगे।

(ANI)

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