
चंड़ीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार को मानसा के गांव कोटली के अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह के घर पहुंचे। जहां उन्होंने परिवार से सांत्वना जताई। वहीं, सीएम भगवंत मान ने परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक भी सौंपा। बता दें कि दो दिन पहले ही CM मान ने अग्निवीर की मौत के बाद गार्ड ऑफ ऑनर ना दिए जाने के बाद परिवार को ये राशि देने की घोषणा की थी।
ਦੇਸ਼ ਦੇ ਪਹਿਲੇ ਅਗਨੀਵੀਰ ਸ਼ਹੀਦ ਅੰਮ੍ਰਿਤਪਾਲ ਸਿੰਘ ਦੇ ਘਰ ਕੋਟਲੀ ਕਲਾਂ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਪਰਿਵਾਰ ਨਾਲ ਦੁੱਖ ਵੰਡਾਇਆ ਤੇ ਸ਼ਹੀਦ ਜਵਾਨ ਨੂੰ ਸ਼ਰਧਾਂਜਲੀ ਭੇਂਟ ਕੀਤੀ…ਬੜੇ ਦੁੱਖ ਦੀ ਗੱਲ ਹੈ ਫੌਜ ਦੀ ਵਰਦੀ ਪਵਾ ਕੇ ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਸ਼ਹੀਦ ਜਵਾਨ ਨੂੰ ਸ਼ਹੀਦ ਨੀ ਮੰਨ ਰਹੀ…ਪਰ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਮਾਣਮੱਤੇ ਸ਼ਹੀਦ ਜਵਾਨਾਂ ਨਾਲ ਕੋਈ ਵੀ ਵਿਤਕਰਾ ਨੀ… pic.twitter.com/iVtq3eMSvO
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) October 16, 2023
सीएम मान ने ट्विट कर कहा कि देश के पहले अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह के घर कोटली कलाँ पहुँच कर परिवार के साथ दुख साझा किया और शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी… बड़े दुख की बात है सेना की वर्दी पहना कर केंद्र सरकार शहीद जवान को शहीद की मान्यता नहीं दे रही है…लेकिन पंजाब सरकार अपने शहीद जवानों के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगी…जवान अमृतपाल सिंह के परिवार को सम्मान राशि के तौर पर 1 करोड़ रुपए का चेक सौंपा गया है…गांव और पंचायत के लोगों की सभी मांगें पूरी की जाएगी…हम परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी देंगे…भविष्य में परिवार की हर संभव मदद करने के लिए हम वचनबद्ध हैं… शहीद अमृतपाल सिंह की शहादत और हौंसले-जज़्बे को पूरा पंजाब दिल से सलाम करता है…।
सेना के गॉर्ड ऑफ ऑनर न देने पर उठा था विवाद
अमृतपाल सिंह के शुक्रवार को हुए अंतिम संस्कार के दौरान सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने पर पंजाब के विपक्षी दलों ने दुख जताया है। हालांकि, सेना ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा था कि चूंकि अमृतपाल सिंह की मौत का कारण खुद को मारी गई गोली थी, इसलिए मौजूदा नियमों के अनुसार न तो कोई गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और न ही सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया । मान ने शनिवार को कहा था कि उनकी सरकार इस मामले पर केंद्र सरकार के सामने आवाज उठाएगी।
11 अक्ट को गई थी जान
सेना ने रविवार को कहा कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। 11 अक्तूबर को गोली लगने से बलिदान दिया। अमृतपाल सिंह 10 दिसंबर 2022 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। शहीद अमृतपाल सिंह की बहन कनाडा में रहती हैं। पिता गुरदीप सिंह ने कहा कि अमृतपाल ने अपनी भतीजी की शादी के लिए छुट्टी ली थी। कनाडा में रहने वाली बहन और अमृतपाल सिंह एक साथ घर आने वाले थे।
मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा था कि उनकी सरकार की नीति के अनुसार दिवंगत अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। मान ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सेना ने अमृतपाल का शव निजी एंबुलेंस से भेजा। मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि सेना ने अमृतपाल की सैन्य अंत्येष्टि क्यों नहीं की। उन्होंने कहा, ”क्यों नहीं? आप ने उसे वर्दी दी और वह देश का शहीद है।”
मान ने कहा कि उनकी सरकार की नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है और वह सोमवार को अमृतपाल के परिवार से मिलकर चैक सौपेंगे। उन्होंने ने कहा कि पंजाब सरकार देश के लिए प्राण देने वाले सैनिक को शहीद मानती है। अगर किसी सैनिक को दिल का दौरा पड़ता है या शुन्य से 40 डिग्री के तापमान पर मस्तिष्काघात हो जाता है तो उसे शहीद की दर्जा मिलना चाहिए क्योंकि वह देश की सेवा कर रहा था। मान ने जोर देकर कहा,”यह आवश्यक नहीं है कि किसी की दुश्मन की गोली से ही मृत्यु हो।” पंजाब के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह सेना की अग्निवीर योजना के विरोध में रहे हैं।