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हल्द्वानीः 4,500 लोग होंगे बेघर, अतिक्रमण हटाने की तैयारी शुरू, 4000-5000 पुलिसकर्मी तैनात

उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले के बनभूलपुरा के निवासियों ने शहर में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर हुए अतिक्रमण हटाने संबंधी हाईकोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका लगाई गई है. सुप्रीम कोर्ट मामले से जुड़ी दूसरी याचिका के साथ सुनवाई करने को राजी हो गया है. अब इस मामले पर कल गुरुवार को सुनवाई होगी. दूसरी ओर, कुमाऊं रेंज के डीआईजी ने कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट का आदेश लागू होगा. प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

वकील प्रशांत भूषण ने 4 हजार झुग्गियों को हटाए जाने के मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में यह दूसरी याचिका दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट दूसरी याचिका के साथ ही सुनवाई को तैयार हो गया जो गुरुवार को होगी. इससे पहले हल्द्वानी के बनभूलपुरा के निवासियों ने रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने संबंधी हाईकोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ पिछले सोमवार (2 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.

इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. हम सभी न्याय और संविधान को मानने वाले लोग हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले आज आने तक इंतजार करना चाहिए.

नैनीताल के डीएम धीरज सिंह गरबयाल ने कहा कि लोग यहां रेलवे की जमीन पर रह रहे हैं. इन्हें हटाना होगा, इसके लिए हमारी तैयारी चल रही है. हमने फोर्स की मांग की है. हम उन्हें जल्द ही हटा देंगे. यह हाईकोर्ट का आदेश है, इसका पालन करना होगा.

PM मोदी से भी अतिक्रमण हटाने से रोकने की अपील

कांग्रेस सचिव काजी निजामुद्दीन ने सोमवार को देहरादून में बताया कि हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में क्षेत्र के निवासियों ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने बताया कि कोर्ट मामले की सुनवाई पांच जनवरी को करेगा.

साथ ही कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी अनुरोध किया कि वे अतिक्रमण हटाने संबंधी इस आदेश पर मानवीय तरीके से विचार करें क्योंकि ऐसा होने पर 4,500 लोग बेघर हो जाएंगे. मंगलौर के पूर्व विधायक निजामुद्दीन ने कहा, “वे लोग इलाके में 70 साल से रह रहे हैं. वहां एक मस्जिद, मंदिर, पानी की टंकी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 1970 में डाली गई एक सीवर लाइन, दो इंटर कॉलेज और एक प्राथमिक विद्यालय हैं.”

हाईकोर्ट का आदेश लागू होगाः DIG निलेश

दूसरी ओर, हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण मामला में कुमाऊं रेंज के डीआईजी निलेश ए भरने ने कहा, “उत्तराखंड हाईकोर्ट का आदेश लागू होगा. हमने लोगों के साथ बैठकें की हैं और उनसे कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा है. हमने आदेश के आसान कार्यान्वयन के लिए क्षेत्र को जोन, सेक्टर और सुपरजोन में बांट दिया है.”

कुमाऊं रेंज के डीआईजी ने आगे कहा, “हमने अखबारों में (जमीन खाली करने के लिए) नोटिस दिया है. 5 पीएसी कंपनियां मौके पर तैनात हैं और 3 पीएसी कंपनियां भी 8 जनवरी तक यहां पहुंच जाएंगी. हमने सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स की 14 कंपनियां भी मांगी हैं. यहां पर करीब 4000-5000 पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी.”

पिछले महीने आया था HC का फैसला

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिछले महीने 20 दिसंबर को बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण करके बनाए गए ढांचों को गिराने का आदेश दिया. जस्टिस शरद शर्मा और जस्टिस आरसी खुल्बे ने अतिक्रमण करने वालों को एक हफ्ते का नोटिस देने का निर्देश दिया है, जिसके बाद अतिक्रमण करके बनाया गया ढांचा गिरा दिया जाएगा.

बनभूलपुरा में रेलवे की अतिक्रमण की गयी 29 एकड़ जमीन पर धार्मिक स्थल, स्कूल, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और मकान बने हुए हैं. अदालत के आदेश पर जमीन से अतिक्रमण हटाने का मास्टरप्लान तैयार है. इलाके में रेलवे की करीब 29 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है. अतिक्रमण-विरोधी अभियान शुरू करने से पहले मंगलवार को बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की अतिक्रमित जमीन पर रह रहे लोगों से अपने लाइसेंसी हथियार जमा कराने को कहा गया था.

इस पर नैनीताल के जिलाधिकारी धीरज सिंह गरबयाल ने कहा कि लाइसेंसी हथियार (बंदूक, रिवॉल्वर या पिस्तौल) रखने वाले इलाके के निवासियों को अगले आदेश तक उन्हें प्रशासन को जमा कराने को कहा गया है.

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