“भगवा रंग मंदिरों के लिए उपयुक्त”, संभल जामा मस्जिद की पुताई, ‘रंग’ पर विधायक ने दिया बयान

संभल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक इकबाल महमूद ने सोमवार को कहा कि शाही जामा मस्जिद के रंग को तय करने की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि मस्जिद को पहले की तरह ही रंगा जाना चाहिए। महमूद ने मियां सराय स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि एएसआई और पुलिस प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं।
उन्होंने शाही जामा मस्जिद में भगवा रंग से पुताई किए जाने कि हिंदू पक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा, “एएसआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मस्जिद का मूल रंग बरकरार रहे। कुछ हिंदू समूहों द्वारा भगवा रंग की मांग उचित नहीं है।” विधायक ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विपरीत मुस्लिम समुदाय ने हमेशा अदालती फैसलों का सम्मान किया है।
“प्रबंध समिति के नियंत्रण में रही मस्जिद”
महमूद ने कहा, “हमने बाबरी मस्जिद के फैसले को शांतिपूर्वक मंजूर किया, लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार राजनीतिक कारणों से संभल की जामा मस्जिद का मुद्दा उछालना चाहती है।” उन्होंने कहा, “मस्जिद हमेशा से ही अपनी प्रबंध समिति के नियंत्रण में रही है, जिसने इसके रखरखाव का काम संभाला है। इसमें वार्षिक रंग-रोगन भी शामिल है।” सपा नेता ने सवाल उठाया कि एएसआई ने शुरू में रंग-रोगन की अनुमति क्यों नहीं दी, जिससे मस्जिद प्रबंधन समिति को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
“मौजूदा रंगों से ही पुताई करानी चाहिए”
उन्होंने कहा, “अदालत का आदेश निष्पक्ष था और हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। एएसआई को अनावश्यक बदलाव करने के बजाय मौजूदा रंगों से ही पुताई करानी चाहिए।” महमूद ने भगवा रंग की पुताई की मांग पर कहा, “भगवा रंग मंदिरों के लिए उपयुक्त है और इस पर किसी को आपत्ति नहीं है। इसी तरह, मस्जिद को अपने पारंपरिक रंगों को बनाए रखना चाहिए।” उन्होंने कहा, “जामा मस्जिद मुस्लिम समुदाय की है, जहां सदियों से नमाज अदा की जाती रही है। हिंदुओं द्वारा इसके मामलों में हस्तक्षेप करने की कोई वजह नहीं है।” (इनपुट- भाषा)