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Navjot Singh Sidhu समय से पहले जेल से आए बाहर, बोले- राहुल गांधी हैं देश की नई क्रांति

रोड रेज केस में 10 महीने तक जेल की सलाखों के पीछे सजा काटने के बाद आखिरकार शनिवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू जेल से बाहर आए हैं. पिछले कई दिनों से उनके जेल के बाहर आने की संभावना बनी हुई थी. जेल से बाहर आने के बाद सिद्धू अलग ही तेवर में दिखाई दिए हैं. उन्होंने जेल से बाहर ही केंद्र सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई है. वहीं राहुल गांधी को एक क्रांति का नाम दिया है.

सिद्धू ने जेल से निकलने के बाद अपने पहले भाषण में कहा है कि जब भी ताना शाही आती है, तभी क्रांति होती है. ऐसे में राहुल गांधी एक क्रांति की तरह हमारे सामने आए हैं. इस दौरान उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि सरकार सच सुनना नहीं चाहती है. सिद्धू ने कहा कि सरकारी संस्थाएं इन दिनों केंद्र की गुलाम हो चुकी हैं.

सिद्धू समय से पहले ही जेल से रिहा किए गए हैं. उनके अच्छे कामों की वजह से उन्हें 48 दिनों का रेमिशन मिला है. 34 साल पुराने एक हत्या के केस में सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल जेल की सजा सुनाई थी. सिद्धू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी गई है कि रिहा होने के बाद वह जेल के बाहर प्रेस कांफ्रेंस भी करेंगे.

इससे पहले शुक्रवार को आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में बताया गया कि वह 1 अप्रैल, यानी आज जेल से बाहर आएंगे. सिद्धू पटियाला जेल में बंद थे. उनकी रिहाई से पहले बड़ी संख्या में उनके समर्थक जेल के बाहर पहुंचे. समर्थकों ने कहा कि सिद्धू की रिहाई उनके लिए त्योहार की तरह है. उनके समर्थक यहां ढोल-नगाड़े बजाते नजर आए है.

सिद्धू को रिसीव करने पहुंचे कांग्रेस सांसद

जेल के बाहर उनके स्वागत में अमृतसर के कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और अन्य कांग्रेस नेता अपने कार्यक्रमों में बिजी हों इसलिए वो यहां नहीं आ पाए, लेकिन कांग्रेस एकजुट है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई थी कठोर कारावास की सजा

कांग्रेस नेता को रोड रेज केस में एक साल की सजा सुनाई गई थी, और मई महीने में उनकी सजा पूरी होनी थी. नवजोत सिंह सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि कांग्रेस नेता को स्टेट जनरल रेमिशन पॉलिसी के तहत समय से पहले रिहा किया गया है. उन्होंने जेल में रविवार के दिन और इसके अलावा कोई भी छुट्टियां नहीं ली, इसलिए उन्हें 48 दिनों का रेमिशन मिला. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मई महीने में 59 वर्षीय सिद्धू को 1988 के रोड रेज केस में एक साल कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.

2018 में कोर्ट ने लगाया था 1000 रुपए का जुर्माना

नवजोत सिद्धू ने पार्किंग के लिए कहासुनी के बाद किसी गुरनाम सिंह नाम के शख्स की पिटाई की, जिनकी बाद में मौत हो गई थी. वह पटियाला के ही रहने वाले थे. इस केस में 34 साल बाद उन्हें सजा सुनाई गई. हालांकि कोर्ट ने 2018 में सिद्धू पर पिटाई करने लिए एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया था. बाद में कोर्ट ने अपने फैसले पर पुनर्विचार किया और सजा का ऐलान किया था.

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