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ठंड से किसी गोवंश की मृत्यु न हो, गौ आश्रय स्थलों में विशेष इंतजाम कर रही योगी सरकार

  • गौआश्रय स्थल जाकर गौवंश की जांच करेंगे पशु चिकित्साधिकारी
  • निराश्रित गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है योगी सरकार
  • गौ आश्रय स्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखेंगे जिले के नोडल अधिकारी
  • प्रदेश के 7,696 गौ आश्रय स्थलों पर 12,35,700 निराश्रित गोवंश किये गए हैं संरक्षित

लखनऊ। प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीतलहर को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने गौवंश संरक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि किसी भी गौवंश की ठंड के कारण मृत्यु न हो। इसके लिए प्रदेशभर के गौ आश्रय स्थलों पर त्रिपाल, अलाव, चारा, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।

योगी सरकार ने पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे नियमित रूप से गौ आश्रय स्थलों का दौरा करें और वहां गौवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा, औषधि एवं देखभाल सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि हर गौ आश्रय स्थल पर कार्यरत केयरटेकर रात में वहीं रुकें और गौवंश की देखभाल के लिए आवश्यक कार्य सुचारू रूप से करें।

सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी गौ आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि चारा, भूसा, पानी, प्रकाश आदि की कोई कमी न हो। इसके अलावा, गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना का कार्य प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया गया है ताकि निराश्रित गौवंश को सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके। सरकार ने ग्राम्य विकास विभाग और अन्य सहयोगी विभागों को निर्देश दिया है कि वे समन्वय बनाकर गौ संरक्षण के कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करें। चारागाह भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने और मनरेगा के माध्यम से बहुवर्षीय और सीजनल चारे की बुआई सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।

25 फरवरी तक पूरा करें सभी निर्माण कार्य

योगी सरकार ने सभी अवस्थापना संबंधी कार्यों को 25 फरवरी 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कार्यदायी संस्थाएं मानक और लेआउट के अनुसार उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य करें। गौवंश शेड, पानी पीने की सुविधाएं, चारे का स्थान और खडंजा जैसी संरचनाओं को मजबूती और व्यवस्थित तरीके से तैयार किया जाए। योगी सरकार ने निर्देश दिया है कि जिन गौ आश्रय स्थलों में किसी प्रकार की अव्यवस्था या गौवंश की देखभाल से संबंधित शिकायतें प्राप्त होती हैं, वहां तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।

बता दें कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 7,696 गौ आश्रय स्थलों पर 12,35,700 निराश्रित गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है। सरकार की मंशा इन आश्रय स्थलों की गुणवत्ता और व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ करने की है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि ठंड से बचाव के लिए त्रिपाल, अलाव और अन्य आवश्यक उपायों को प्राथमिकता दी जाए। योगी सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि सभी स्तरों पर इस कार्य को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए ताकि गौवंश संरक्षण के प्रयास प्रभावी और परिणामदायक हों। सरकार के इन कदमों से न केवल ठंड के मौसम में गौवंश को राहत मिलेगी, बल्कि प्रदेश में गौ संरक्षण की परंपरा को और मजबूती भी मिलेगी।

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