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मिस्बाह रज़ा बने हाफिज-ए-कुरआन
गोरखपुर। मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में पढ़ने वाले 13 साल के मिस्बाह रज़ा ने पूरा क़ुरआन-ए-पाक हिफ्ज (कंठस्थ) कर लिया है। कारी मो. सरफुद्दीन मिस्बाही की निगरानी में मिस्बाह रजा ने कुरआन-ए-पाक हिफ्ज किया। इस खुशी के मौके पर मदरसे में महफिल हुई। कैसर रज़ा ने नात-ए-पाक पेश की। मौलाना रियाजुद्दीन ने कुरआन-ए-पाक की अहमियत पर रोशनी डाली। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुफ़्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन मन्नानी ने मुल्क में अमन चैन की दुआ मांगी। महफिल में मिस्बाह रजा के माता-पिता सबीना खातून, मो. फिरोज आलम, दादा गुलाम रसूल, मोहम्मद आज़म, नवेद आलम, नजरे आलम कादरी, मौलाना नूरुज्जमा मिस्बाही, हाफिज रेयाज अहमद आदि मौजूद रहे।