आरोप: महिला सुरक्षा दल व पिंक पेटिकायें महज प्रचार का माध्यम

- बोले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, योगी सरकार व पुलिस का इकबाल पूरी तरह समाप्त
- सीएम के गृह जिले गोरखपुर में महिला अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा
लखनऊ। प्रदेश में योगी सरकार और पुलिस का इकबाल पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। प्रदेश की आधी आबादी डर और असुरक्षा के साये में अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर है। मुख्यमंत्री की नाक के नीचे अति सुरक्षित क्षेत्र में महिला के साथ दुष्कर्म की घटना सरकार के माथे पर कलंक है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अजय राय ने बुधवार को आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम है। राजधानी लखनऊ में विधानसभा से महज चंद कदमों की दूरी दारूलशफा पर कौशाम्बी से न्याय मांगने आई महिला मुख्यमंत्री से न मिल पाने के कारण धरने पर बैठी, न्याय मिलना तो दूर उसके साथ दुष्कर्म जैसी घटना घटित हो गई।
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की इससे भयावह तस्वीर और भला क्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि जनपद बरेली में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, सीबीगंज इलाके में मनचलों ने कोचिंग से लौट रही एक छात्रा को चलती ट्रेन के आगे फेंक दिया जिससे छात्रा बुरी तरह जख्मी हो गई है। उसके दोनों पैर और एक हाथ कट गए हैं और कई हड्डियां भी टूट गई हैं। इतना ही नहीं स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद एवं राजनीतिक क्षेत्र गोरखपुर में महिलाओं के प्रति अपराध रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। गोरखपुर के पीपीगंज में तो हद हो गई जब शोहदों ने महिलाओं के घर में घुसकर छेड़खानी की, गोरखनाथ क्षेत्र में युवती को शोहदे ने तेजाब से जलाने की धमकी दी।
जब प्रदेश की पुलिस ही भक्षक बन जाये तो महिलाओं को सुरक्षा कौन देगा? प्रदेश में महिला सुरक्षा का दंभ भरने वाली योगी सरकार का महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता उजागर हो चुकी है। यही कारण है कि प्रदेश में चारों ओर महिलाओं के साथ अपराधों की बाढ़ सी आ गई है।
अजय राय ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह से महिलाओं के साथ आये दिन अपराध की घटनायें घट रही हैं ऐसा प्रतीत होता है कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच पहले स्थान की दौड़ चल रही है। कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं का नारा देने वाली भाजपा सरकार आज बेटियों की सुरक्षा करने में पूरी तरह से नाकाम है। प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित महिला हेल्पलाइन, महिला सुरक्षा दल व पिंक पेटिकाएं मात्र एक प्रचार का माध्यम बनकर रह गई है।