पति-पत्नी, माता-पिता और बेटी की एक साथ उठी अर्थियां, तो छलक पड़े लोगों के आसूं, बोले घरवाले- खिलौनों से खेलनी वाली गुड़िया हमसे रूठ गई है….

लखनऊ। राजस्थान के जमवारामगढ़ में मनोहरपुर-दौसा हाइवे पर तेज रफ्तार ट्रेलर ने कार को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में कार सवार सात माह की मासूम समेत पांच लोगों को मौत हो गई थी। सोमवार सुबह करीब चार बजे इंजीनियर परिवार के पांच लोगों का शव लखनऊ पहुंचा। पांचों को एक साथ कफन में लिपटा देख घर में चीख-पुकार मच गई। इस दौरान देवरानी में शव को लिपटकर रोने लगी, वहीं मौजूद परिजन गश खाकर गिर पड़े। रविवार को पूरा परिवार खाटूश्याम के दर्शन करने जा रहा था, तभी यह दर्दनाक हादसा हो गया।
बतादें कि, इंजीनियर अभिषेक के बड़े भाई हिमांशु, चाचा चंद्रप्रकाश और परिवार के अन्य सदस्यों ने कांपते हाथों से अर्थियों को कंधा दिया। वहीं, कफन में लिपटी सात माह की श्री को देख लोग अपने आंसू रोक न सके। गुलाला शमसान घाट तक शवों को पहुंचाने के लिए सुबह 11 बजे दो गाड़ियां मंगवाई गई। एक गाड़ी में इंजीनियर अभिषेक(35) और उनकी पत्नी प्रियांशी (30) और दूसरी गाड़ी में मां रामा देवी (55) और पिता सत्यप्रकाश सिंह (60) के शव को रखा गया। सत्यप्रकाश सिंह मूलरूप से सीतापुर जनपद के मिश्रिख के रहने वाले थे। शमसान घाट पहुंचने पर भाई हिमांशु ने सभी को मुखाग्नि दी। मां की चिता के पास ही श्री के शव को गोद में लेकर मामा खड़े थे। मां की चिता से कुछ दूरी पर ही परिजनों ने श्री के शव को दफनाया। सामूहिक शव यात्रा में क्षेत्रिय भाजपा पार्षद भाजपा पार्षद चंद्र बहादूर सिंह भी मौजूद रहे।
बच्ची को सीने से लगाकर रो पड़ी देवरानी
अभिषेक की भाभी ज्योति, प्रियांशी की फोटोग्राफ को सीने से लगाकर रोने लगी। इस बीच कहती रही कि’’भाभी उठो न…देखो श्री तुम्हारी गोद में हैं। ज्योति को रोता-बिलखता देख मौजूद महिलाएं भावुक हो गई। वहीं, सात माह की बच्ची के झूले के पास उसके खिलौने को पड़ा देख लोग अपने आंसू रोक न सके। ज्योति कहती रही कि इन खिलौनों से खेलनी वाली गुड़िया हम लोगों से रूठ गई है। हर किसी की नजर श्री के झूले की ओर जाती और फिर आंसूओं की धारा बहने लगती।
यह था हादसा
गौरतलब है कि 13 अप्रैल को ठाकुरगंज थाना अंतर्गत मुसाहिबगंज निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक समेत उनके पांच परिवारिक सदस्यों की राजस्थान के जमवारामगढ़ में मनोहरपुर-दौसा हाइवे पर सड़क हादसे में मौत हो गई थी। पूरा परिवार कार से खाटूश्याम के दर्शन करने जा रहा था। तभी सामने से आ रहा ट्रेलर कार से टकरा गया। राजस्थान पुलिस ने कार को कटर से काट कर सभी को बाहर निकाला था। हादसे में जान गंवाने वाली प्रियांशी बैंक ऑफ बड़ौदा की गोमतीनगर शाखा में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी। वहीं, पति अभिषेक एक (MNC) मल्टी नेशनल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। वर्ष 2022 में दोनों की शादी हुई थी। उनकी सात माह की एक बेटी थी। नामकरण न होने की वजह से परिजन बच्ची को श्री कहकर पुकारते थे।