प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित हुए रामपुर के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़
रामपुर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित हो गया। संवर्धन वोकल फॉर लोकल पहल की टीम को सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होते हुए कलेक्ट्रेट में अधिकारियों और विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी के परिजनों ने सजीव प्रसारण देखा। सिविल सर्विसेज डे के अवसर पर जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया है।
विज्ञान भवन दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ और टीम में शामिल जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार समेत रामपुर कृषक संगठन के डायरेक्टर अमित वर्मा को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित होते कार्यक्रम को कलेक्ट्रेट सभागार में तमाम अधिकारियों और विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी के परिजनों समेत अधिकारियों ने सजीव प्रसारण देखा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि रामपुर में करीब पांच हजार से अधिक बच्चों के कुपोषित से सुपोषित होने पर प्रधानमंत्री द्वारा लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार जिसकी श्रेणी नवाचार-जिला के अंतर्गत रामपुर के संवर्धन (वोकल फॉर लोकल) पहल टीम को प्रदान किया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिले में 95 प्रतिशत बच्चे कुपोषित श्रेणी से सपोषित श्रेणी में आ गए हैं।
जिले भर में कुपोषित से सुपोषित हुए बच्चों का भारत सरकार से आई टीम द्वारा सर्वे किया गया था और टीम ने भारत सरकार को 95 प्रतिशत कुपोषित बच्चे सपोषित होने की रिपोर्ट दे दी गई है। कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी राजस्व एवं वित्त हेम सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन लालता प्रसाद शाक्य, एसडीएम निरंकार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट सत्यम मिश्रा समेत तमाम अधिकारियों ने सजीव प्रसारण देखा।
वर्ष 2021-22 में शुरू हुआ था पहला चरण
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए वर्ष 2021-22 में पहला चरण शुरू हुआ। प्रथम चरण में लगभग पांच हजार बच्चे कुपोषण के अभिशाप से मुक्ति पा गए फिलवक्त भी अभियान चल रहा है। इससे पहले जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ के नेतृत्व में जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार द्वारा सर्वप्रथम जिले भर के कुपोषित बच्चों को चिन्हित कराया गया। इसके पश्चात कुपोषित बच्चों के घर-घर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से पोषाहार बंटवाया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि 95 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से मुक्ति पा गए हैं और यही रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी गई थी।
पोषण किट के सेवन से बच्चों की अच्छी हुई सेहत
जिले में इंजीनियर अमित वर्मा और उनकी टीम द्वारा संचालित रामपुर कृषक एफपीसी द्वारा स्थानीय जैविक खाद्य उत्पादों और औषधीय गुणों वाली सामग्रियों को समाहित करते हुए पोषण किट तैयार करायी गई थी। विभिन्न चरणों में देश के प्रतिष्ठित डॉक्टरों एवं मेडिकल संस्थानों की जांच प्रक्रिया के आधार पर स्वास्थ्य के प्रति अनुकूल पाए जाने पर जिला प्रशासन द्वारा कुपोषण उन्मूलन के लिए सरकारी प्रयासों के साथ ही अनुपूरक आहार के रूप में पूरे जिले में चिन्हित कुपोषित बच्चों को पोषण किट के सेवन के लिए दिया गया था। लगातार तीन माह तक बच्चों को सेवन कराने और उनकी एक्सपर्ट टीम से मॉनिटरिंग के बेहद सकारात्मक परिणाम मिले।
जिले के इस अभिनव पहल को प्रदेश के 11 जिलों के साथ साथ महाराष्ट्र और तेलंगाना में भी लागू कराया गया है। जिलाधिकारी के निर्देशन में जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार द्वारा इस अभिनव पहल को प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। हर कुपोषित बच्चे के चिन्हित होने के साथ ही नियमित रूप से पोषण किट की उपलब्धता और बच्चों की स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग के साथ-साथ समय से निर्धारित धनराशि का एफपीसी को भुगतान की पारदर्शी प्रक्रिया प्रभावी बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ग्राम पंचायतों द्वारा भी इस अभिनव पहल को लेकर रुचि दिखाई गयी और अपनी ग्राम पंचायत के कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने की जिम्मेदारी उठाते हुए ग्राम पंचायत निधि से नियमानुसार भुगतान किया जा रहा है।