सीएम का प्रोटाकाल अधिकारी बन ट्रान्सफर-पोटिंग कराने वाले गिरफ्तार

- ट्रांसफर पोटिंग के अलावा महत्वपूर्ण राजनैतिक पद व टेंडर आदि दिलाने के नाम पर कर रहे थे ठगी
- इनके खिलाफ यूपी एसटीएफ को काफी दिनों से मिल रही थी सूचना
- एक सुकरात का वीसी बताकर लोगों से करता था ढील
- अब तक इनके द्वारा की जा चुकी है करोड़ों की ठगी
लखनऊ। यूपी एसटीएफ को मुख्यमंत्री यूपी का प्रोटोकाल अधिकारी एवं सचिव निवेश, यूपी सरकार बनकर विभिन्न विभागों में ट्रान्सफर पोस्टिंग एवं महत्वपूर्ण राजनैतिक पद व टेण्डर आदि दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष गुप्ता व उसके साथी अरविन्द त्रिपाठी उर्फ गणेश त्रिपाठी उर्फ गुरूजी को समाज कल्याण कार्यालय तिराहे के पास बांसमंडी रोड थानाक्षेत्र विभूतिखंड से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
रामशंकर अलीगंज लखनऊ और अरविंद्र त्रिपाठी नई दिल्ली का रहने वाला है। एसटीएफ को काफी दिनों से थी इनकी तलाश। चूंकि एसटीएफ को लगातार सूचना मिल रही थी कि मुख्यमंत्री यूपी शासन का सुरक्षा अधिकारी एवं विषेष सचिव निवेश, यूपी सरकार बताकर विभिन्न विभाग में फर्जी टेण्डर, ठेका दिलाने एवं ट्रासंफर,पोस्टिंग कराने तथा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मनोनीत विभिन्न बोर्डो के चेयरमैन व मंत्री का दर्जा दिलाने के नाम पर अवैध रुप से कुछ लोगों द्वारा फजीर्वाड़ा कर ठगी किया जा रहा है।
एसटीएफ ने इनके कब्जे से पांच मोबाइल फोन, 10460 रुपये नकद, 14 आई कार्ड मुख्यमंत्री का प्रोटोकाल अधिकारी, वाइस चान्सलर सुकरात विवि, दिल्ली एवं उच्च न्यायालय दिल्ली बार एसोशिएशन,ताश के 52 पत्ते, एक डीएल, छह एटीएम कार्ड, दो पैन कार्ड, तीन चेकबुक, चार खाता पासबुक, दो लेटरपैड, एक यात्री कार्ड, 18 विजिटिंग कार्ड, दो बैंक स्टेटमेंट, 22 प्रशिक्षण परीक्षा प्रश्नपत्र, 11 कम्पलीमेंट लेटर, 165 हिन्दुस्तान स्काउट एण्ड गाइड से संबंधित कागजात, , दो अंक पत्र व प्रमाण पत्र, एक खाकी वर्दी पीआरडी बैच व बेल्ट, तीन मोहर, एक प्रवेश पत्र टीईटी, तीन प्रार्थना पत्र, एक काल लेटर, एक प्रमाण पत्र, एक भरी चेक, एक हाजिरी रजिस्टर, तीन कार तथा भारी मात्रा में विभिन्न विभागों में ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए प्रार्थना पत्र बरामद किया है।
गिरफ्तार अभियुक्त रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि वह किसी भी सरकारी विभाग में कार्यरत नहीं है एवं व सुकरात विश्वविद्यालय दिल्ली का वीसी भी नहीं है। उसने अपने नाम के दो अलग-अलग आधार कार्ड बनवा रखा है। उसका वास्तविक नाम रामशंकर गुप्ता है, फजीर्वाड़ा करने के लिये उसने अपना नाम आशीष गुप्ता रख लिया है। आम जनता से अपना नाम डा. आशीष गुप्ता एवं अपना परिचय बतौर आईएएस व पीसीएस अधिकारी ,विशेष सचिव, निवेष, उ.प्र. शासन व मुख्यमंत्री का सुरक्षा अधिकारी एवं सुकरात विश्वविद्यालय दिल्ली का वाइस चांसलर बताता है।
इस नाम से आम जनता को अपनी तरफ आकर्षित करता है एवं नौकरी दिलाने के जाल में फसाये हुए नवयुवकों में से किसी युवक को पीआरडी की वर्दी पहनाकर अपनी गाड़ी में आगे बैठाकर चलता है तथा अपनी कार पर उत्तर प्रदेश का लोगों व उ.प्र. सरकार लिखवाया है। ताकि लोगों को यह विश्वास हो जाय की वह वास्तविक अधिकारी है। बड़ी-बड़ी कम्पनियों के मालिकों एवं ठेकेदारों को विभिन्न विभागों में टेण्डर (ठेका) दिलाने तथा प्रशासनिक/पुलिस अधिकारियो के ट्रांसफर व पोस्टिंग कराने के नाम पर उनसे अवैध धन अर्जित करता है।
अरविन्द त्रिपाठी (गुरुजी) द्वारा उनको अपने योग विद्या से अपने प्रभाव में लेकर उ.प्र. में शासन के बडे़-बडे़ टैण्डर दिलाने की बात की जाती है, जिस कारण उन ठेकेदारों द्वारा उसके प्रभाव मे आकर टैण्डर प्राप्त करने के लिए उनसे आग्रह करते है, तब अरविन्द त्रिपाठी उर्फ गुरुजी उनके सामने ही मेरा परिचय वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के रुप में बताकर ठेका दिलाने की बात कर उनसे अवैध धन अर्जित करता है। इसी प्रकार हमारे अन्य सहयोगी है, जिनको मेरे एवं अरविन्द त्रिपाठी गुरूजी द्वारा पीएमओ कार्यालय का भारतीय प्रशासनीय सेवा का अधिकारी बताया जाता है। फजीर्वाड़ा से अर्जित धन यह लोग आपस मे बांट लेते है। सुकरात सोशल रिसर्च विश्वविद्यालय, दिलशाद गार्डन नई दिल्ली के चेयरमैन से मिलकर काफी लोगों को पीएचडी की डिग्री अवैध रुप से पैसा लेकर दिलाता है।
हिन्दुस्तान स्काउट एण्ड गाइड एसोसिएशन की ट्रेनिंग कराने व नौकरी दिलाने के नाम पर लगभग 100 बच्चों से साढ़े सात हजार रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से पैसा लिया है एवं विभिन्न विभागों में निर्माण कार्य कराने व ठेका दिलाने के नाम पर अब तक करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है। अरविन्द त्रिपाठी ने रामषंकर गुप्ता उर्फ आषीष के बयानों का समर्थन करते हुए बताया कि वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा है तथा योग गुरू के नाम से जाना जाता है एवं कही-कही अपने को दिल्ली उच्च न्यायालय का वकील बताता है। लोगों को मोटीवेट कर अपने जाल में फंसाकर, राजनेता एवं शासन-प्रषासन के उच्चाधिकारियों में अपनी अच्छी जान-पहचान होना बताकर लोगों को अपनी जालसाजी का षिकार बनाता हैं।गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना विभूतिखण्ड में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।