योग विद्या प्राणिक हीलिंग शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को बनाता है मजबूत ,आन्तरिक शान्ति का भी अनुभव
- स्वयं भी प्रशिक्षण के बाद प्राणिक हीलर बन सकते है युवा
वाराणसी। भागमभाग और तनाव पूर्ण जीवन शैली से लोग गंभीर बीमारियों के गिरफ्त में आने लगे है। मधुमेह,रक्तचाप सहित तनाव से जुड़ी समस्या से युवा भी जूझ रहे है। ऐसे में इच्छाशक्ति और योग विद्या प्राणिक हीलिंग,अनुलोम-विलोम को जीवन शैली में शामिल कर युवा अपने को स्वस्थ रख सकते है। खासकर प्राणिक हीलिंग से युवा और प्रौढ़ शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बना सकते है।
प्राणिक हीलर प्रशिक्षक डॉ.दिनेश राय बताते है कि प्राणिक हीलिंग एक प्राचीनतम कला और विज्ञान है,जिसके कारण प्राण शक्ति या जीवन शक्ति को समुचित उपयोग कर शरीर की प्राकृतिक क्षमता में सुधार और वृद्धि की जाती है। जिससे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत बन सके। उन्होंने बताया कि इस विधा का उद्देश्य लोगों में स्वस्थ्य एवं जीवन शैली का विकास, ऊर्जा उपचार, प्राणायाम एवं ध्यान प्रक्रिया को बढ़ावा देना है।
उन्होंने बताया कि योग विद्या प्राणिक हीलिंग फाउन्डेशन ट्रस्ट से जुड़कर इस दिशा में लगातार कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया कि प्राणिक हीलिंग से हृदय सम्बंधी परेशानी,उच्च रक्तचाप,पाचन सम्बंधी समस्याओं का समाधान, कंठ संबंधी विकार, मधुमेह, श्वांस संबधी उपचार, अवसाद, नशे की लत,आदि का इलाज होता है। खास बात यह है कि युवा प्रशिक्षण के बाद प्राणिक हीलर बन सकते है। प्राणिक हीलर जन सामान्य के समस्याओं और विकार का समाधान कर सकता है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में योग विद्या प्राणिक हीलिंग ने भी स्वस्थ बनाने में महती भूमिका निभाई। इससे स्वस्थ्य जीवन शैली का विकास, ऊर्जा एवं ध्यान प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि नियमित दिनचर्या और संतुलित खानपान को अपनी आदत नहीं बनाए बगैर व्यक्ति के स्वस्थ और दीर्घायु होने की कल्पना नहीं की जा सकती। ऐसे में स्वस्थ जीवन के लिए बगैर किसी तनाव के स्वयं को व्यस्त रखना भी जरूरी है। पॉजिटिव एनर्जी से चित को शांत रखने के साथ मन में उल्लास भी जरूरी है। योग और प्राणिक हीलिंग दोनों ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है,इससे अपने दिनचर्या में समय निकाल कर शामिल करना चाहिए।