उत्तर प्रदेशबड़ी खबरराज्यलखनऊ

योगी सरकार का बड़ा फैसला, नगर पंचायतों को 1 करोड़ तक के कार्य करने की स्वायत्तता

  • नगर विकास विभाग ने नगरीय निकायों को दी अधिक वित्तीय स्वायत्तता, एसओपी में हुआ संशोधन
  • नगर पंचायतों को 1 करोड़ व नगर पालिकाओं को 2 करोड़ तक के कार्य स्वयं करने की अनुमति
  • निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का मापन और जवाबदेही के लिए निर्धारित हुए नये मानक
  • गुणवत्ता में कमी या मापन त्रुटि के लिए ठेकेदार और प्रशासनिक अधिकारी होंगे 50-50 फीसदी जिम्मेदार
  • सड़कों के निर्माण में नई तकनीकें होंगी शामिल, ऋऊफ तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता
  • 3.75 मीटर चौड़ी सड़कों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स की होगी अनुमति, गुणवत्ता होगी प्रमाणित

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में नगर विकास विभाग ने प्रदेश के नगरीय निकायों को और अधिक वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वायत्तता प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। नगर विकास विभाग ने वर्ष 2021 में जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में व्यापक संशोधन करते हुए संचालन प्रक्रिया को अधिक सरल और जवाबदेह बनाया है। इसके तहत अब नगर पंचायतों को ?1 करोड़ और पालिका परिषदों को ?2 करोड़ रुपये तक के कार्य स्वयं करने की स्वायत्ता होगी।

साथ ही नगरीय निकायों द्वारा करवाये जाने वाले निर्माण कार्यों में होने वाली गड़बड़ी या गुणवत्ता में कमी के लिए पचास-पचास प्रतिशत राशि संबंधित ठेकेदार और प्रशासनिक अधिकारी से वसूलने का भी प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त नगरीय निकायों की विकास प्रक्रिया को तेज करने के लिये नई तकनीकि के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जाएगा।

प्रदेश के नगरीय निकायों की एसओपी 2021 में किया गया संशोधन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश के नगर विकास विभाग ने 74वें संविधान संशोधन के मुताबिक नगरीय निकायों को अधिक वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वायत्ता प्रदान की है। नगर विकास विभाग ने 2021 में जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में जरूरी बदलावों को मंजूरी दी है। इसके तहत विभाग ने बाजार दरों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नगरीय निकायों की वित्तीय सीमा को पुन: निर्धारित किया है। जिसके अनुसार अब प्रदेश की नगर पंचायतें ?1 करोड़ और नगर पालिका परिषदें ?2 करोड़ रुपये के निर्माण एवं अन्य विकास कार्य करने की अनुमति प्रदान की है। जबकि अभी तक उन्हें केवल 40 लाख रुपये तक के कार्य कराने की ही अनुमति थीेनगर विकास विभाग ने प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि एसओपी में संशोधन से स्थानीय नगरीय निकायों को न केवल वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी, बल्कि विकास कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। यह नगरीय प्रशासन को जनहित में अधिक प्रभावी बनाएगा।

निर्माण कार्यों में गुणवत्ता में कमी के लिए ठेकेदार और अभियंता होंगे जिम्मेदार

नगर विकास विभाग ने नगरीय निकायों के निर्माण एवं विकास कार्यों में गड़बड़ी या गुणवत्ता में कमी के लिए संबंधित ठेकेदार,अभियंता और प्रशासनिक अधिकारी की जवाबदेही को नये सिरे से तय किया है। एसओपी में किए गए प्रमुख संशोधन के अनुसार, किसी भी निर्माण या विकास कार्य में गुणवत्ता की कमी या मापन में त्रुटि के कारण यदि अतिरिक्त भुगतान होता है, तो उसकी वसूली संबंधित ठेकेदार से 50 प्रतिशत और शेष 50 प्रतिशत राशि अभियंता एवं प्रशासनिक अधिकारियों से वसूल की जाएगी। वसूली की प्रक्रिया जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित व संचालित की जाएगी। यदि वसूली न हो सके तो इसे भू-राजस्व की तरह वसूलने का प्रावधान है।

सड़कों के निर्माण में नई तकनीकें होंगी शामिल, गुणवत्ता की प्रमाणिकता अनिवार्य

एसओपी में हुए संशोधन में नगरीय निकायों द्वारा विकास कार्यों के लिये आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया गया है। इसके अनुसार नगरीय निकायों की 3.75 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों के निर्माण के लिये एफडीआर तकनीकी का प्रयोग किया जा सकेगा। साथ ही ये सड़कें सीसी रोड़ या डमरीकृत बनाई जाएंगी। इनके अलावा 3.75 मीटर तक चौड़ी सड़कों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स का प्रयोग किया जा सकेगा, बशर्ते वह मुख्य मार्ग न हों और उन पर भारी वाहन न चलते हों।

साथ ही नई एसओपी के तहत 3.75 मीटर से कम चौड़ी सड़कों के लिए केसी- टाइप नाली और उससे अधिक चौड़ी सड़कों के लिए यू-टाइप आरसीसी नाली के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इनका निर्माण लोक निर्माण विभाग और आईआरसी मानकों के अनुसार किया जाएगा।

साथ ही निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे वार्डवार सड़क डायरेक्ट्री, अभिलेखीकरण और जीआईएस मैपिंग करें। ताकि दीर्घकालिक योजनाएं आसानी से बनाई जा सकें। साथ ही सभी विकास योजनाएं सड़क, जल निकासी और रोड़ लाइट को समाहित करते हुए समेकित रूप में बनाई जायेंगी। यह संशोधित एसओपी नगरीय प्रशासन के विकेंद्रीकरण और जवाबदेही को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

Khwaza Express

Khwaza Express Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2008. The proud journey since 16 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2008.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button