उत्तर प्रदेशलखनऊ

डायलिसिस में देरी बढ़ा रहे है आईसीयू में दाखिले

लखनऊ। रीजेंसी अस्पताल के डॉक्टरों ने उल्लेख किया है कि, कोविड मामलों में वृद्धि के कारण लोग अपने गुर्दे की जांच के लिए अस्पतालों में जाने से परहेज कर रहे हैं, जिससे गंभीर स्थिति पैदा हो रही है और लोग आईसीयू में भर्ती हो रहे हैं। कोविड 19 की तीसरी लहर के दौरान, लोग अधिक भयभीत हैं क्योंकि ओमाइक्रोन की तीव्रता अधिक संक्रामक है। किडनी की समस्या से पीड़ित या डायलिसिस के मरीज यात्रा और लोगों के संपर्क में आने से बचने के लिए अस्पताल जाने से परहेज कर रहे हैं। गुर्दे का खराब होना एक बहुत ही गंभीर समस्या है, इलाज समय पर न मिलने से समस्या अधिक गंभीर हो सकती है, जिसके नतीजतन वो ज्यादा बीमार हो सकते हैं या उनकी मृत्यु भी हो सकती है। जो लोग पहले कोविड से संक्रमित हो चुके हैं बुजुर्ग लोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और गुर्दे से संबंधित समस्याओं से पीड़ित लोगों को अपने गुर्दे के स्वास्थ्य के बारे में और भी अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर रीनल साइंसेज- डॉ दीपक दीवान ने कहा, “हमने देखा कि 25-30% रोगी तथा जिन्हे डायलिसिस की आवश्यकता होती थी, जो गुर्दे की गंभीर समस्याओं से पीड़ित थे, वे कोविड फैलने की वजह से अपना डायलिसिस नही करा रहे थे; जिसके परिणामस्वरूप उन्हें आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता पङी । उनमें से कुछ रायबरेली, हरदोई, बाराबंकी आदि जैसे लखनऊ के परिधीय जिलों से थे और हॉस्पिटल तक आने से परहेज कर रहे थे । हम उन्हें आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम सभी सुरक्षा उपायों का पालन कर रहे हैं और सभी रोगियों से अनुरोध करते हैं कि वे एक भी डायलिसिस को न छोड़ें क्योंकि इसके गंभीर परिणाम हो सकते है जो मृत्यु का कारण बन सकती है।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के एमडी (मेडिसिन), डीएम (नेफ्रोलॉजी- डॉ आलोक कुमार पांडे ने कहा, “हम अपने रोगियों को यह बताना चाहेंगे कि महामारी के विकट समय में किसी भी समस्या से निपटने के लिए बेहतर परिणामों के लिए अपनी स्वास्थ्य स्थिति का स्व-विश्लेषण कैसे करें। हम गुर्दे से संबंधित समस्या वाले सभी रोगियों को कोविड का टीका लगवाने का सुझाव देते हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि लोग अपने मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को नियंत्रण में रखें, शराब का सेवन सीमित करें और ओवर-द-काउंटर दवाओं के अति प्रयोग से बचें”।

सीकेडी 5 तक पहुंचने से पहले विशेषज्ञ टीम को किडनी रोगियों के साथ एक उपचार योजना बनानी चाहिए। क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) के लक्षणों को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि आप समय पर इलाज करवा सकें और अपना सर्वश्रेष्ठ अनुभव कर सकें। गुर्दे की बीमारी या विफलता के लक्षण निम्नलिखित हैं, हर समय थकान महसूस होना; सांस लेने में कठिनाई; बेहोशी, चक्कर या कमजोर महसूस करना; सूजे हुए हाथ और पैर; खुजली; मुँह का खराब स्वाद; पेट खराब, उल्टी; बार-बार पेशाब करने की इच्छा; झागदार पेशाब या कोई अन्य समस्या। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं तो आपको नजदीकी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करे और चिकित्सा सहायता ले।

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