आगराउत्तर प्रदेश

भांजे ने किया था मामी का कत्ल, तोते ने कातिल को पकड़वाया, बोलता रहा- आशु आया था

उत्तर प्रदेश के आगरा में विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) मोहम्मद राशिद ने आशुतोष गोस्वामी और रोनी मैसी को गुरुवार के दिन भरी अदालत में उम्र कैद की सजा सुना दी. साथ ही 72000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया. 9 साल तक अदालत में चले इस मुकदमे में अभियुक्तों के नाम का खुलासा मृतका नीलम के पालतू तोते मिट्ठू राजा ने करके सबको चौंका दिया था. तोते के नाम लेने के बाद किसी को भरोसा नहीं हो रहा था कि ये लोग लूट और हत्या की वारदात को अंजाम दे सकते हैं, क्योंकि हत्यारा आशुतोष मृतका नीलम के पति और स्वराज्य टाइम के संपादक विजय शर्मा का सगा भांजा था. उसने अपने दोस्त रोनी के साथ मिलकर नीलम की पहले हत्या की और उसके बाद लूट की वारदात को अंजाम दिया था.

तोते ने दिया था पुलिस को अहम सुराग

पुलिस ने घटना के बारे में तमाम सुराग जुटाने कोशिश की, लेकिन हत्यारों और लुटेरों का कोई पता नहीं चल पा रहा था. पुलिस के आने पर और परिवार के सामने पिंजरे में बंद तोता लगातार आशुतोष और रोनी का नाम लेकर कह रहा था कि ‘आशू आया था.’ तोते के लगातार नाम लेने पर पुलिस और पीड़ितों का ध्यान उस तरफ गया. विजय शर्मा ने तोते से बात की तो तोते ने बताया ‘आशू आया था.’ विजय शर्मा ने यह बात पुलिस को बताई और पुलिस ने भी तोते से बात की थी. तोते ने भी पुलिस को बताया था कि ‘आशू आया था.’ तोते के नाम बताने के बाद पुलिस ने आशुतोष और रॉनी को दबोच लिया.

आशुतोष ने कबूला अपना जुर्म

आशुतोष और रॉनी से पुलिस ने अपने तरह से पूछताछ और प्याज के परतों की तरह घटना खुलती चली गई. पुलिस ने दोनों हत्यारों को जेल भेज दिया और केस में चार्जशीट लगाकर अदालत में दाखिल कर दी गई. पुलिस की चार्जशीट में तोता भी विवेचना का हिस्सा बना, लेकिन अदालत में साक्ष्य अथवा गवाही का हिस्सा नहीं रहा. अदालत में चार्जशीट दाखिल होने के बाद 9 साल तक मुसलसल तारीख पड़ते हुए केस आगे बढ़ता रहा और गुरुवार को मुकदमे का फैसला सबके सामने आ गया.
लेकिन इस मामले में एक परिवार के लिए दुखद पहलू यह भी रहा कि 14 नवंबर 2020 को कोरोना बीमारी के कारण विजय शर्मा की मौत हो गई. विजय शर्मा की मौत के बाद उनकी बेटियों ने मुकदमे की कमान संभाली और बमुस्तैद पैरवी की. मुकदमे में अभियोजन की तरफ से 14 गवाह पेश किए गए जबकि बचाव पक्ष की तरफ से एक गवाह पेश किया गया था. अदालत ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए आशुतोष और रॉनी के खिलाफ आजीवन कारावास का फैसला दंड और अर्थदंड सहित सुनाया

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