बांस बल्ली के पुल से ग्रामीण करते हैं नदी पार, आधा दर्जन से अधिक लोग हो चुके हैं दुर्घटना के शिकार
गोरखपुर। सरकार व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण आजादी के पचहत्तर वर्ष बाद भी लगभग आधा दर्जन गांवों के लोग खेती के काम के लिए जान जोखिम में डालकर बांस बल्ली के सहारे स्वयं बनाए गए खतरनाक पुल से नदी पार करते हैं। अब तक दर्जन भर लोग इस पुल से नीचे गिरकर घायल हो चुके हैं तो कईयों की जान भी जा चुकी है।
विधानसभा क्षेत्र बांसगांव के ऐतिहासिक गांव सोहगौरा के पास आमी नदी का बहाव क्षेत्र है और उसपार सोहगौरा, टीकर, सांड़े समेत आस पास के आधा दर्जन गांवों के लोगों की कृषि योग्य भूमि है। कृषि कार्य हेतु लोगों को आमी नदी पार करके जाना पड़ता है जिसके लिए लम्बे समय से श्यामलाल रामाश्रय लोहार,बैजनाथ लोहार रामप्रवेश,शिवशंकर सहित ग्रामीण पुलिया निर्माण की मांग कर रहे हैं।
सरकार व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते आज तक पुलिया का निर्माण न होने के कारण लम्बे समय से प्रत्येक वर्ष बाढ़ का पानी कम होने के बाद अक्टूबर नवम्बर महीने में लोग आपसी सहयोग से बांस के सहारे अस्थाई तौर पर पुल का निर्माण करते हैं और जान जोखिम में डालकर खेतों की बुवाई सिंचाई व कटाई हेतु आते जाते हैं। ग्रामीणों के अनुसार अबतक लगभग आधा दर्जन लोग पुल से गिरकर जान गंवा चुके हैं।