उत्तर प्रदेशवाराणसी

अयोध्या में रामलला की प्रतिमा में 22 जनवरी को हो सकती है प्राण प्रतिष्ठा

  • मुहूर्त का समय आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने निकाला
  • श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने मुहूर्त का समय मांगा था

वाराणसी। प्रभुश्रीराम के भक्तों के लिए खुशखबरी है। रामनगरी अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर बन रहे दिव्य भव्य मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू हो गयी है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की मांग पर काशी के वद्वानों ने संभावित तिथि 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त निकाला है। विद्वानों के मुताबिक फरवरी में भी अच्छा मुहूर्त मिल रहा है।

प्राण प्रतिष्ठा के मुर्हूत के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने काशी के दिग्गज विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ से तीन मुहूर्त मांगे हैं। 15 जनवरी से 25 जनवरी 2024 के भीतर यह मुहूर्त निकालने को कहा गया था। गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने 22 जनवरी 2024 का मुहूर्त निकाला है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के मांगे समय में मुहूर्त निकालने के लिए गणेश्वर शास्त्री ने अध्ययन के बाद समय निकाला है। रामघाट स्थित वल्लभ राम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय के वेंकटेश्वर द्राविड़ ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मुहूर्त फरवरी में भी मिल रहा है।

उल्लेखनीय है कि ज्योतिषविद आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने ही जन्मस्थान पर भगवान राम के भव्य मंदिर के शिलान्यास के लिए मुहूर्त निकाला था। इस मुहूर्त के समय ही पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान रामलला के मंदिर की आधारशिला रखी थी। आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ द्वारा निकाले गए मुहूर्त पर ही श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास प्रधानमंत्री ने किया था। आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ के निकाले मुहूर्त को लेकर तब जमकर विरोध भी हुआ था। तमाम विरोध को दरकिनार कर आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने कहा था कि भूमिपूजन के लिए पांच अगस्त का मुहूर्त ही सर्वश्रेष्ठ है।

उल्लेखनीय है कि 2024 की मकर संक्रांति को भगवान राम के बाल स्वरूप की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा की श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना है। अक्टूबर 2023 तक मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पत्रकारों से बातचीत के दौरान इसका संकेत दे चुके हैं।

अयोध्या में अब राम मंदिर का दिव्य भव्य स्वरूप दिखाई देने लगा है। मंदिर को आकार देने के लिए स्तंभों को लगाया जा रहा है। रामलला के मंदिर को तीन मंजिला बनाया जाएगा और एक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी। रामलला के मंदिर की 255 फीट की चौड़ाई होगी और 350 फीट मंदिर की लंबाई होगी। मंदिर में 392 मंदिर के पिलर होंगे और अब स्तंभों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के द्वारा पिछले दिनों जारी की गई तस्वीर में स्तंभ लगने के बाद मंदिर का आकार स्पष्ट दिख रहा है।

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