हमें नशामुक्त भारत का निर्माण करना है: रजनीकांत मणि त्रिपाठी
- बुद्ध पीजी कालेज कुशीनगर के परिसर में आयोजित हुआ पुनर्जन्म नशा मुक्ति अभियान कार्यक्रम।
कसया, कुशीनगर। अपनी संस्कृति, सभ्यता के अनुरूप आचरण पर युवा बल दे ताकि युवाओं को नए भारत के निर्माण का वाहक आगे भी माना जाता रहे। उक्त बातें भाजपा के पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने स्वयं सेवी संस्था बासुदेव तिवारी सेवा संस्थान व राष्ट्रीय सेवा योजना, बुद्ध पीजी कालेज कुशीनगर के संयुक्त तत्वाधान में संचालित पुनर्जन्म नशा मुक्ति अभियान के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। श्री त्रिपाठी ने जीवन के हर क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया एवं उन्हें संकल्प लेने को कहा कि आज का युवा नशामुक्त भारत का निर्माण करेगा।
सिक्किम से आए विशिष्ट अतिथि पीपी भोटिया ने नान बायोडिग्रेडेबल पदार्थों के पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से स्वयंसेवको को परिचित कराया। उन्होंने बताया कि भारत भूमि संतों , ऋषि-मुनियों की भूमि रही है यहां सर्वे भवन्तु सुखिन: की अवधारणा प्रचलित रही है। सिक्किम से उपस्थित दूसरे विशिष्ट अतिथि श्री नेगी छोरिंग भोटिया ने भारत की गौरवशाली अतीत पर प्रकाश डाला। प्राचार्य प्रो. सिद्धार्थ पाण्डेय ने बताया कि इन सात दिनों में निश्चित रूप से आप के व्यक्तित्व के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में प्रगति होगी।बासुदेव तिवारी सेवा संस्थान की सचिव एवं मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ0 रीना मालवीय ने नशामुक्त भारत अभियान एवं नवरात्र सप्ताह मनाए जाने के औचित्य के बारे में विस्तार में बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजनीति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. उमाशंकर त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों को अपने व्यक्तित्व निर्माण पर बल देने की जरूरत है।
इससे पूर्व छात्रों में पोस्टर मेकिंग, नृत्य एवं रंगोली आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। नृत्य में प्रथम स्थान मंगला आर्य, रंगोली में प्रथम स्थान आंशिका गुप्ता एवं उनकी टीम एवं पोस्टर निर्माण में प्रथम स्थान सबा अंजुम एवं उनकी टीम ने प्राप्त किया। सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को संस्था द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के सौजन्य से मेडल एवं प्रणाम पत्र देकर पुरस्कृत किया गया।अतिथियों का स्वागत एवं मंच संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 निगम मौर्य ने किया। इस दौरान डॉ0 पारस नाथ, जितेंद मिश्र, प्रोफेसर सत्येंद्र गौतम, वीरेन्द्र शाहू, फूलचंद इत्यादि उपस्थित रहे।