उत्तर प्रदेशगोरखपुर

कोका कोला, पेप्सिको, लुलु मॉल और किर्लोस्कर गोरखपुर में कर सकते हैं निवेश, उद्योग बढ़ने के आसार

गोरखपुर: गीडा के 34वें स्थापना दिवस में उद्योगों की स्थापना की संभावना को देखते हुए, कोका कोला, पेप्सिको, लुलु मॉल और किर्लोस्कर जैसे बड़े संस्थानों ने गोरखपुर में निवेश करने का मूड बनाया है. इन संस्थाओं के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अधिकारी गोरखपुर पहुंचकर न सिर्फ संभावनाओं पर विचार विमर्श करेंगे, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक में प्लांट और मॉल की स्थापना के लिए जरूरी प्रक्रियाओं को भी साझा करेंगे. ईटीवी भारत से ऐसे उद्यमियों ने अपने विचार भी साझा किए. सभी ने पूर्वांचल में अपने उद्योग के लिए बेहतर माहौल दिखने की बात कही.

गीडा में पेप्सिको का प्लांट: पेप्सिको के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की सदस्य यशिका सिंह कहती हैं कि उद्यमियों को सरकार से भरपूर सहयोग मिल रहा है. ट्रेड शो में आकर उद्योगों को लेकर सरकार की महत्वाकांक्षा और बारीकियों को समझने का मौका मिला है. गीडा में पेप्सिको की फ्रेंचाइजी कंपनी वरुण बेवरेज अपना प्लांट लगा रही है. जिसमें करीब 1072 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है. इसके लिए 60 एकड़ भूमि पर काम चल रहा है. जिससे करीब 1500 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. पेप्सिको के सभी उत्पाद बेवरेज कंपनी में तैयार होंगे. चाहे वह सॉफ्ट ड्रिंक्स हो या फिर एक्वाफिना पानी. इसके अलावा मिल्क बेस्ट ड्रिंक और भविष्य में चिप्स आदि का उत्पादन भी हो सकता है.

लुलु मॉल के रीजनल डायरेक्टर यूपी जय कुमार गंगाधरन कहते हैं कि लुलु मॉल समूह गोरखपुर के साथ, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में 5 से 6 एकड़ लैंड की तलाश कर रहा है. इसके लिए स्थानीय प्रशासन के साथ ही सीधे काश्तकारों से भी कंपनी संपर्क में है. पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्र श्रम और रोजगार में काफी मजबूत दिखाई देता है. यहां आसानी से किसानों से उत्पादन भी मिल जाएंगे. जिन्हें बाहर भी एक्सपोर्ट किया जा सकेगा. रोजगार की बड़ी संभावनाओं को भी विकसित किया जा सकेगा. क्षेत्र के लोकल उत्पाद भी उनके मॉल का हिस्सा बनेंगे, जो खरीदारों को आकर्षित करेंगे. उन्होंने कहा कि यूपी में आयोजित हुए इन्वेस्टर समिट में जो MOU सरकार के साथ लुलु प्रबंधन का हुआ है, उसमें यह सारे प्रस्ताव शामिल किए गए हैं.

गोरखपुर उद्योग के लिए बेहतर विकल्प: किर्लोस्कर ऑयल इंजन के ग्लोबल हेड स्वर्णनेंदु झा कहते हैं कि वह देश की इस बड़ी कंपनी से जुड़े होने के साथ, बिहार प्रांत के रहने वाले हैं. पूर्वांचल की आवश्यकताओं को भी वह बखूबी समझते हैं, उनके किर्लोस्कर इंजन की डिमांड भी इस क्षेत्र में खूब है. साथ ही पड़ोसी मुल्क नेपाल भी उनके लिए बड़ा बाजार बन सकता है. इन सभी संभावनाओं पर विचार करते हुए गीडा के स्थापना दिवस में मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में वह शामिल हुए. सरकार का उद्यमियों को पूरा सहयोग मिल रहा है. इस बड़े बदलाव का सकारात्मक संदेश देश के साथ दूसरे प्रदेशों और उद्यमियों तक पहुंच रहा है. यही वजह है कि गोरखपुर उद्योगों की स्थापना में बेहतर विकल्प के तौर पर उभरा है, जिसमें वह अपने समूह के लिए भी संभावना तलाशने पहुंचे हैं. भविष्य में निश्चित रूप से किर्लोस्कर यहां अपना प्लांट स्थापित करने का विचार कर रहा है.

कोका कोला की पूर्वांचल में प्लांट की सौगात: कोका-कोला इंडिया के डायरेक्ट एंड सीओओ विजय कुमार करारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी कंपनी अपना लगातार निवेश बढ़ती जा रही है. अभी हाल ही में अमेठी में उनके एक नए प्लांट का लोकार्पण हो चुका है. जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल थे. पूर्वांचल का गोरखपुर सबसे बड़ा औद्योगिक और बाजार क्षेत्र दिखाई दे रहा है. ऐसे में कोका-कोला भी अपनी यूनिट की स्थापना के लिए यहां संभावना तलाश रही है. समूह का अनुभव सरकार की पहल को देखते हुए सकारात्मक है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि कोका कोला भी पूर्वांचल को अपने एक प्लांट की सौगात देगा. स्थानीय लोगों को इससे रोजगार मिलेगा. साथ ही अपने उत्पाद को भी समूह से जोड़ने का अवसर प्राप्त होगा. प्रदेश में अभी हमारे सात प्लांट क्रियाशील हैं.

इंडियन ऑटो व्हील्स के निदेशक दिलशाद अहमद कहते हैं कि किसी भी कारोबार के लिए कमर्शियल व्हीकल की सबसे बड़ी आवश्यकता होती है. ऐसे में उनकी कंपनी गीडा में अपने प्लांट को स्थापित कर प्रतिमाह करीब 200 बड़ी ट्रैकों की बॉडी का निर्माण करता है. भविष्य में इसे 400 से 500 बॉडी प्रतिमा तैयार करने के लक्ष्य को लेकर प्लांट पर काम चल रहा है. जिससे रोजगार भी प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से 500 लोगों को प्राप्त है. आदित्य मोटर्स जो टाटा समूह के छोटे से बड़े कमर्शियल वाहन का सबसे बड़ा पूर्वांचल का डीलर हैं. उसके एमडी राजू कुमार जायसवाल ने कहा कि गीडा में जिस तरह से उद्योगों की स्थापना हो रही है, उससे माल ढुलाई के लिए कमर्शियल वाहन की डिमांड बढ़ी है. चाहे वह छोटी मैजिक गाड़ी हो या फिर ट्रेलर जैसे बड़े ट्रक. सबकी आपूर्ति करने में उनकी संस्था ने बड़ा मुकाम छुआ है. इसलिए टाटा समूह ने संस्थान के हर डिमांड को सेल एंड सर्विस में बड़े पैमाने पर सहयोग दे रहा है.

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