उत्तर प्रदेशरामपुर

रामपुर : स्वीडन और इक्वाडोर के राजदूतों ने देखी रजा लाइब्रेरी में रखीं पांडुलिपियां

पूर्व मंत्री नवेद मियां के निमंत्रण पर ग्रीस, फ्रांस, इजिप्ट, यूएई, जॉर्डन और ब्रिटन के प्रतिनिधि भी रामपुर पहुंचे, पूर्व सांसद बेगम नूरबानो और नवेद मियां ने किया सभी का स्वागत

रामपुर। भारत में स्वीडन और इक्वाडोर के राजदूतों समेत ग्रीस, फ्रांस, इजिप्ट, यूएई, जॉर्डन और ब्रिटेन के प्रमुख लोग रजा लाइब्रेरी देखने पहुंचे। रजा लाइब्रेरी में लाइब्रेरी में हजरत अली के हाथों से लिखी गई कुरआन मजीद, इमाम रजा अलैहिस्सलाम द्वारा लिखी गई कुरआन शरीफ, दीवान ए बाबर, वाल्मीकि रामायण और रागमाला देखी। इससे पहले नूरमहल में कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूरबानो और नवेद मियां ने मेहमानों को जोरदार इस्तकबाल किया। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के निमंत्रण पर राजनयिकों समेत तमाम प्रमुख लोग रामपुर आए हैं। राजदूतों और अन्य शख्सियतों ने नवेद मियां और बेगम नूरबानो से रामपुर के इतिहास, कला, संस्कृति और शैक्षिक विकास को लेकर चर्चा की।

पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि रविवार को नूर महल आने वाली शख्सियतों में भारत में स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ, इक्वाडोर के राजदूत फ्रांसिस्को तियोदोरो माल्डोनाडो ग्वेरा, ग्रीस के आर्किटेक्ट अंद्रियाज एलेकजेंड्रीज, फ्रांस के इतिहासकार ग्यूलोम हुआर्ट, इजिप्ट के उद्योगपति अहमद यूसेरी, यूएई में आबूधाबी के पुलिस चीफ मोहम्मद अलफजारी, जॉर्डन के कारोबारी सनद आबुदाली और ब्रिटेन के व्यापारी क्रिस्टफर पर्सलव शामिल रहे।

राजदूतों और अन्य शख्सियतों ने नवेद मियां और बेगम नूरबानो से रामपुर के इतिहास, कला, संस्कृति और शैक्षिक विकास को लेकर चर्चा की। बातचीत के दौरान विदेशी महमानों के भारत से अपने देशों में अच्छे संबंधों में बारे में बताया। नूरमहल से सभी मेहमान नवेद मियां के साथ रजा लाइब्रेरी पहुंचे, जहां उन्होंने हामिद मंजिल की भव्यता की प्रशंसा की। लाइब्रेरी में हजरत अली के हाथों से लिखी गई कुरआन, इमाम रजा अलैहिस्सलाम द्वारा लिखी गई कुरआन शरीफ, दीवान ए बाबर, वाल्मीकि रामायण और रागमाला देखी। दरबार-ए-हाल में सौ वर्ष से जल रहे बल्ब देखकर हैरत जताई और किताबों और पांडुलिपियों का लोहारू कलेक्शन भी देखा। राजनयिकों ने कहा कि वो अपने देशों के शोधकर्ताओं को रजा लाइब्रेरी के लाभान्वित होने के लिए प्रेरित करेंगे।

फ्रेंकोइस बर्नियर की पेंटिंग भी देखी

स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ और इक्वाडोर के राजदूत फ्रांसिस्को तियोदोरो माल्डोनाडो ग्वेरा ने फ्रांसीसी चिकित्सक और यात्री फ्रेंकोइस बर्नियर की पेंटिंग भी देखी।  फ्रेंकोइस बर्नियर भारत में लगभग 12 वर्षों तक रहे। उन्होंने ट्रैवल्स इन द मुगल एम्पायर भी लिखा, जो मुख्य रूप से दारा शिकोह और औरंगजेब के शासनकाल के बारे में है । यह उनकी अपनी व्यापक यात्राओं और टिप्पणियों पर आधारित है, जिन्होंने घटनाओं को प्रत्यक्ष देखा था।

रामपुर रजा लाइब्रेरी आकर बहुत ही शानदार अनुभव हुआ। रजा लाइब्रेरी के बारे में जैसा पढ़ा था, उससे ज्यादा पाया। यहां जो बहुमूल्य पांडुलिपियां और पुस्तकें हैं वो गर्व की बात है। इस लाइब्रेरी के संग्रह से पूरे विश्व के शोधकर्ता लाभ हासिल कर रहे हैं।

–फ्रांसिस्को तियोदोरो माल्डोनाडो ग्वेरा, इक्वाडोर के राजदूत


उम्मीद नहीं थी कि छोटे से शहर रामपुर में बहुमूल्य पुस्तकों और पांडुलिपियों का इतना बड़ा संग्रह होगा। बहुत खुशी हुई कि यहां के शासक इनका महत्व जानते थे। नवाब जो लाइब्रेरी बनाकर गए हैं वह आने वाली नस्लों के लिए लाभकारी होगी।

–जान थेस्लेफ, स्वीडन के राजदू

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