कारोबार

आम बजट में विनिवेश की सूची में और कंपनियों को जोड़े जाने की उम्मीद कम

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय अगले वित्त वर्ष में पहले से घोषित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण की योजना पर आगे बढ़ेगा। हालांकि, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के निजीकरण की सूची में और कंपनियों को जोड़े जाने की संभावना नहीं है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में उल्लिखित विनिवेश लक्ष्य को कम कर और इसे वास्तविकता के और करीब किए जाने की उम्मीद है, क्योंकि चालू वित्त वर्ष लगातार चौथा साल रहने वाला है जबकि सरकार अपने विनिवेश लक्ष्य से चूकेगी।

चालू वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, अबतक उसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर सरकार केवल 31,106 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है। सरकार ने 2021 में घाटे में चल रही एयर इंडिया का निजीकरण सफलता के साथ पूरा किया था। लेकिन पिछले साल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के मोर्चे पर प्रगति अच्छी नहीं रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि 2024 में होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर किसी बड़े विनिवेश की घोषणा की उम्मीद इस बजट में नहीं है। एक अधिकारी ने कहा, योजना उन कंपनियों की रणनीतिक बिक्री को आगे बढ़ाने की है जिनके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इसका आशय यह है कि सरकार शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, एनएमडीसी स्टील लिमिटेड, बीईएमएल, एचएलएल लाइफकेयर, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और आरआईएनएल या विजाग स्टील जैसी कंपनियों के साथ-साथ आईडीबीआई बैंक के निजीकरण को आगे बढ़ाएगी।

यह देखते हुए कि रणनीतिक बिक्री या निजीकरण में कम से कम एक साल का समय लगता है, बजट में ऊंचा विनिवेश लक्ष्य तय कर उसे हासिल करना मुश्किल होता है। नांगिया एंडरसन एलएलपी के भागीदार- सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र परामर्श सूरज नांगिया ने कहा, निजीकरण की प्रक्रिया में अक्सर समय लगता है, जो निजीकरण के प्रकार और आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बातों पर निर्भर करता है। इसके लिए एक मध्यम अवधि की योजना, एक ठोस नियामकीय रूपरेखा और प्रतिस्पर्धी बाजार की जरूरत होती है।

ईवाई इंडिया के एसोसिएट पार्टनर कर एवं आर्थिक नीति समूह रजनीश गुप्ता ने कहा कि निजीकरण कार्यक्रम में 2024 के आम चुनावों के बाद तेजी देखी जा सकती है। गुप्ता ने कहा, हो सकता है कि इस साल का बजट थोड़ा ‘स्थिर’ रहे और हम विनिवेश और अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री के बारे में कुछ घोषणाएं देख सकें। हालांकि, 2024 के बाद हम निजीकरण कार्यक्रम में फिर से तेजी देख सकते हैं। पिछले एक साल में निवेशकों द्वारा रुचि नहीं दिखाने की वजह से सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) सहित कुछ रणनीतिक बिक्री को टाल दिया था।

Khwaza Express

Khwaza Express Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2008. The proud journey since 16 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2008.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button