बिल के लिए कैंसर के मरीज को बनाया बंधक
लखनऊ। अलीगंज के विध्यांचल मंदिर मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में कैंसर के मरीज को बिल के खातिर बंधक बनाने का आरोप लगा है। आरोप है इलाज में लापरवाही भी बरती गई, इससे मरीज की हालत बिगड़ गई। तीमारदार मरीज को बड़े सरकारी संस्थान ले जाना चाह रहे थे, मगर अस्पताल प्रबंधन बिना बिल भुगतान छोड़ने को राजी नहीं हुआ। तीमारदार ने बुधवार को मामले की शिकायत डिप्टी सीएम तक पहुंचाई। डिप्टी सीएम कार्यालय से फोन सीएमओ आफिस पहुंचा। मामले की जांच के आदेश संग मरीज को छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
सीतापुर मिश्रिख के रहने वाले श्यामू (55) जबड़े के कैंसर से ग्रस्त हैं। परिजनों के मुताबिक अस्पताल के एक दलाल ने मरीज को बेहतर व सस्ता ऑपरेशन कराने की सलाह देकर अलीगंज के विध्यांचल मंदिर मार्ग स्थित निजी अस्पताल में भेज दिया। बीते 15 फरवरी को मरीज अस्पताल में भर्ती किया गया। दो दिन में ऑपरेशन बाद मरीज को ठीक करके घर भेजने का दावा किया गया। बेटे का आरोप है दो बार जबड़े का ऑपरेशन किया गया।
इससे मरीज की हालत में सुधार की बजाए बिगड़ गई। जबड़े से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। बेटे का आरोप है कि इलाज खातिर करीब चार लाख रुपए वसूल लिए। इसके बाद 2.80 लाख रुपये का बिल थमाया गया। बेटे का आरोप है अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन बाद पूरा केस बिगाड़ दिया। डिस्चार्ज के लिए कहा तो बिना बिल भुगतान छोड़ने को राजी नहीं हुए। मामले की शिकायत बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पास पहुंची।
डिप्टी सीएम आफिस से सीएमओ कार्यालय फोन आया तब अफसरों की नींद टूटी। नर्सिंग होम के नोडल अफसर डॉ. एपी सिंह ने अस्पताल प्रबंधन को फोन करके मरीज को छुड़वाया। अस्पताल मैनेजर अर्चना ने बताया कि तीमारदारों के आरोप गलत है। कहा अस्पताल व नर्सिंग फीस छोड़ दी गई। दवाओं का बिल मांगा जा रहा था।