जौनपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माण में धांधली, परियोजना प्रबंधक सहित छह पर मामला दर्ज
जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के सिद्धीकपुर के निर्माणाधीन उमानाथ सिंह राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) में करोड़ों का भ्रष्टाचार को लेकर सर्तकता विभाग की प्रयागराज इकाई ने तत्कालीन परियोजना प्रबंधक समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों ने निर्माण नियमों को ताक पर रखकर हेराफेरी की गई है। यह कार्रवाई निर्माणाधीन एजेंसी राजकीय निर्माण निगम और टाटा प्रोजेक्ट के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उमानाथ सिंह राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण कार्य समय से न पूरा होने पर और निर्माण एजेंसियों द्वारा बार-बार बजट को बढ़ाने की मांग को लेकर जांच कराई गई। जिसमें सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज की ओर से एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज में नियमों को ताक पर रखकर भुगतान किए गए हैं, जिसमें 334.38 करोड रुपए का बिना टेंडर किए हेराफेरी की गयी और जो नियम विरुद्ध है।
इस मामले में तत्कालीन परियोजना प्रबंधक आरपी सिंह और तत्कालीन अपर परियोजना प्रबंधक पीएन सिंह की संलिप्तता पाई गई है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक कार्य में 23.45 लाख और रुपए अपर परियोजना प्रबंधक विद्युत इकाई वाराणसी मनोज कुमार यादव हेराफेरी कर खर्च किए हैं। इसमें काफी अनियमितता पाई गई। इस तरह निर्माण कार्य में मानक के विपरीत गुणवत्ताहीन सामानों का प्रयोग करना, परियोजना की लागत बढवा कर अनुचित लाभ लेना, इसके अलावा अन्य काफी हेराफेरी पाई गई। जिसमें पूरी तरह से भ्रष्टाचार किया गया।
राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक राजेंद्र प्रताप सिंह ग्राम कुशहा पोस्ट अदलपुरा कोतवाली मिर्जापुर, अपर परियोजना प्रबंधक पदनाथ सिंह आसिफ गंज, आजमगढ़ , तत्कालीन नोडल अधिकारी डॉ शिव प्रकाश ग्राम मुरारा पोस्ट पधारा फतेहपुर, तत्कालीन अपर परियोजना प्रबंधक इलेक्ट्रिकल मनोज कुमार यादव ग्राम रामगांव पोस्ट पलही पट्टी, सिंधोरा, वाराणसी तत्कालीन लेखाकार ज्ञान प्रकाश सिंह ग्राम जोखत पोस्ट खीरी प्रयागराज एवं टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के प्रबंधक मोहम्मद इंतिखाब आलम निवासी न्यू हैदरगंज अमन विहार कैंम्बेल रोड लखनऊ को दोषी पाया गया है और इनके सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।