उत्तर प्रदेशलखनऊ

ई-रिक्शा चालकों की अब नहीं चलेगी मनमानी, कल से चलने वाला है पुलिस का चाबुक! होगी कार्रवाई

लखनऊ। राजधानी की यातायात व्यवस्था को चौपट कर रहे ई-रिक्शा पर लगाम कसने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट चालकों का सत्यापन करा रही है ताकि शहर में व्यवस्थित ढंग से ई-रिक्शे का रूट निर्धारित किया जा सके। इसके लिए पुलिस ने 31 जनवरी तक अंतिम तिथि तय की थी। पुलिस अब 1 से 7 फरवरी तक ई-रिक्शा को लेकर विशेष अभियान चलाने जा रही है।

विशेष अभियान के तहत ई-रिक्शा चालक बगैर सत्यापन के पकड़ा गया तो उससे दो हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही उसे अगले एक सप्ताह के भीतर सत्यापन कराना आवश्यक होगा। अन्यथा उसे अपने ई-रिक्शे से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

सड़कों पर दौड़ रहे 50 हजार ई-रिक्शा

दरअसल, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि राजधानी में जाम और हादसों के मुख्य तीन कारण सामने आए हैं। सर्वप्रथम ई-रिक्शा, पटरी दुकानदार और फिर शहर के बीच होकर गुजरने वाली परिवहन निगम की बसें होती हैं, लेकिन इन तीनों में भी सबसे बड़ा कारण ई-रिक्शा संचालन है। इन तीनों ही कारणों से शहर की यातायात व्यवस्था अक्सर चरमराई रहती है। आंकड़ों के मुताबिक, शहर में तकरीबन 50 हजार ई-रिक्शा सुबह से लेकर शाम तक सड़कों पर दौड़ते हैं। जिससे जाम लगने की संभावना अधिक हो जाती है। इसकी वजह से आए दिन सड़क हादसे भी होते रहते हैं। अगर इन बेलगाम ई रिक्शा पर लगा दिया जाए तो शायद हादसों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

9 हजार फॉर्म हो सके जमा

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि पुलिस एक्ट की अलग-अलग धाराओं में एक जनवरी 2024 से नई व्यवस्थाएं लागू की गई थीं। इसके तहत 31 जनवरी तक शहर के सभी ई-रिक्शा चालकों को पुलिस से अपना सत्यापन कराना था। इसके लिए 1 से 10 जनवरी तक थानों में निशुल्क फार्म दिया गया है। तकरीबन 39,400 फॉर्म बांटे गए हैं। जिसे चालकों को भरकर शहर के किसी भी थाने में जमा करना था, लेकिन अब तक करीब 9 हजार फॉर्म ही जमा कराए गए हैं। ऐसे में अब विशेष अभियान चलाया जाएगा।

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