हनुमान जयंती पर काशी में निकल रही ध्वज यात्राएं
- श्री संकट मोचन मंदिर में हनुमान जी की बैठी मुद्रा वाली प्रतिमा के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
वाराणसी। काशी पुराधिपति की नगरी चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर गुरुवार को हनुमान जी की आराधना में लीन है। भोर से ही श्री संकटमोचन समेत नगर के सभी छोटे-बड़े हनुमान मंदिरों में लोग दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। श्री संकटमोचन मंदिर में अलसुबह हनुमान जी की बैठी मुद्रा वाली प्रतिमा के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्र की देखरेख में सुबह सात बजे से रामायण का पूजन-अर्चन और मानस का एकाह पाठ, रामार्चा पूजन आदि धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुआ। हनुमत जयंती पर ही दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ शिक्षा मंडल और भिखारी पुर से विशाल हनुमान ध्वजा यात्रा निकाली गई। इस ध्वजा यात्रा में शामिल भक्त प्रभु हनुमान का जयकारा लगाते, नाचते-गाते चले जा रहे थे।
भिखारी पुर में ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं की भीड़ हनुमान ध्वजा और आरती की थाल लेकर जुटने लगी। सुबह लगभग सात बजे हनुमत सेवा समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों ने अतिथियों के सानिध्य में रथ पर विराजे राम दरबार का षोडशोपचार विधि से पूजन किया। इसके बाद मुख्य ध्वज और बजरंगबली की बाल स्वरूप की पालकी पर विराजे बाल हनुमान का पूजन हुआ।
ध्वजा यात्रा का शुभारंभ प्रोफेसर नागेंद्र पाण्डेय, प्रोफेसर विनय पाण्डेय और डॉ. सुभाष पाण्डेय ने संयुक्त रूप से किया। समिति के अध्यक्ष रामबली मौर्य के अगुवाई में निकली ध्वजा यात्रा में भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप पटेल, जिलाध्यक्ष और एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य के अलावा हजारों श्रद्धालुओं के साथ महिलाएं नंगे पांव शामिल हुईं। यात्रा भिखारीपुर तिराहे से नेवादा, सुन्दरपुर, नरिया, लंका होते हुए संकटमोचन दरबार पहुंची।
ध्वजा यात्रा में 75 फीट लंबा हनुमत ध्वज और ध्वज पर जय श्री राम भगवान हनुमान लला की आकर्षक आकृति, झांकियां, कीर्तन मंडली आकर्षण का केन्द्र रही। समिति के अध्यक्ष रामबली मौर्य ने बताया कि भिखारीपुर से 18 वर्षों से निकल रही शोभा यात्रा का उद्देश्य जाति-धर्म, ऊंच-नीच, भेदभाव और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज, परिवार व देश कल्याण संग आपसी भाईचारे की भावना को विकसित करना है।
शोभायात्रा में दूर दराज के शहरों सहित बनारस के कनकसराय, मिर्जापुर, रामसिंहपुर, अदलपुरा, कोनियां, डाफी, नुआंव, कंचनपुर, करौंदी, सुन्दरपुर, खोजवां, जानकी नगर, ककरमत्ता, शिवरतनपुर, जलालीपट्टी, दशमी,के साथ ही प्रदेश के बाहर दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद, सूरत आदि राज्यों से भी भक्त शामिल हुए।