आईजीएल के बिजनेस हेड ने माउंट एवरेस्ट पर फतेह पर जाने के लिए पर्वतारोही रजनी साव को एक लाख रूपये का सहयोग दिया
गोरखपुर। इण्डिया ग्लाईकॉल्स लिमिटेड के बिजनेस हेड एस के शुक्ल ने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने जाने वाली पर्वतारोही रजनी साव को मोहन लाल भरतीया फाउंडेशन से एक लाख रूपये का सहयोग दिया। संतकबीर नगर की बेटी रजनी साव पेशे से नर्स है और विश्व की कई दुर्गम पहाड़ियों पर इनके द्वारा भारत का तिरंगा लहराया जा चुका है। एस के शुक्ल जी के नेतृत्व में पूर्वांचल की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं रोजगार उपलब्ध कराने की पहल कई वर्षो से निरंतर कराया जा रहा है और इसके साथ ही आईजीएल में भारी संख्या में महिलाये कार्य करती है। दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की ख्वाहिश कइयों की होती है. लेकिन इसके लिए मजबूत कलेजे और सेहत के साथ साथ देश भक्ति भी होनी चाहिए। आज भारत की बेटिया अपना लोहा हर क्षेत्र में मनवा रही है।
वरिष्ठ प्रबंधक प्रशासन एवं जनसम्पर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने नेपाल पर्यटन मंत्रालय के अधिकारीयो के प्रति कृतज्ञता जताया जो की भारीतय पर्वतारोहियों को बहुत सहयोग देते है। डॉ सुनील मिश्रा आगे कहते है की बिजनेस हेड एस के शुक्ल के नेतृत्व में कंपनी द्वारा लगातार जनसेवा के कार्यो को कराया जा रहा है। बिजनेस हेड एस के शुक्ल ने सरकार से आग्रह किया है की माउंट एवेरेस्ट पर जाने की फीस को कम किया जाए तो नए पर्वतारोहियों की संख्या बढ़ेगी।
इसके साथ ही कहा की हमारे पड़ोसी देश नेपाल में दुनिया की सबसे ऊंची 14 चोटियों में से आठ नेपाल में हैं. नेपाल में हिमालय की 2,000 से ज्यादा चोटियां हैं, इनमें से 326 विदेश पर्वतारोहियों के लिए खुली हैं. पर्वतारोहण नेपाल की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है. और इससे नेपाल की अर्थव्यवस्था को भी काफी मदद मिलती है। रजनी साव ने बिजनेस हेड एस के शुक्ल के प्रति आभार जताया और कहा की हमें एक बार अनुरोध किया और एस के शुक्ल ने बड़े मन से तुरंत स्वीकार करते हुए मुझे एक लाख रूपये का सहयोग दिया मैं कंपनी के प्रति विशेष धन्यवाद देती हु और प्लांट हेड के प्रति भी कृतज्ञता जताती हु , और विशेष तौर पर प्रबंधक प्रशासन एवं जनसम्पर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा को भी धन्यवाद देती हु।