उत्तर प्रदेशवाराणसी

काशी में देव दीपावली पर घाटों पर जलेगें 12 लाख दीये, 10 फीट की ऊंचाई से होगी सुरक्षा व्यवस्था की मुस्तैदी

वाराणसी: दीपावली का त्योहार खत्म हो जाने के बाद भी काशी में दीपावली दोबारा मनाए जाने का लोग इंतजार करते हैं. यह पर्व दोबारा देव दिवाली के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व की महत्ता बढ़ती ही जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि अब शासन स्तर पर यह कार्यक्रम सरकारी रूप में बहुत बड़े स्तर पर आयोजित किया जाने लगा है. अकेले उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर 11 लाख से ज्यादा दिए हर साल गंगा घाट पर जलाए जाते हैं और इस बार भी तैयारियां जोर-जोर से चल रही हैं.

भीड़ की निगरानी के लिए लगेगा वॉच टावर
एक तरफ जहां वाराणसी नगर निगम ने घाटों की साफ सफाई व्यवस्था से लेकर यहां पर क्राउड मैनेजमेंट का प्लान तैयार किया है, तो पुलिस भी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार कर रही है. शहर की गलियों से लेकर सड़कों तक हर तरफ डायवर्जन का प्लान बनाया जा रहा है और इतना ही नहीं पूरे शहर के डिवाइडर बिजली के पोल, स्ट्रीट लाइट और गंगा घाटों को जबरदस्त तरीके से लाइटों से सजाने के साथ ही फसाद लाइटिंग की व्यवस्था करने की भी तैयारी की जा रही है. इसके अलावा घाटों पर होने वाली भीड़ की निगरानी के लिए अलग-अलग जगह पर वॉच टावर बनाए जाने का काम भी जल्द शुरू होने जा रहा है.

विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली
काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली देखने के लिए यदि आप घाटों पर नहीं पहुंच पाते हैं और गंगा आरती के साथ देव दीपावली में शामिल होने से वंचित रह जाते हैं तो योगी सरकार आप के लिए देव दीपावली देखने का खास प्रबंध कर रही है. काशी में 6 प्रमुख स्थानों पर बड़ी स्क्रीन पर देव दीपावली और गंगा की महाआरती देखने का प्रबंध किया गया है. बता दें कि काशी में 27 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी. देव दीपावली पर विश्व प्रसिद्ध काशी के घाट की आरती शहर के कई स्थानों पर लाइव देखी जा सकती है. इसके लिए शहर के 6 प्रमुख स्थानों पर बड़ी एलईडी स्क्रीन लगी है.

आरती के लिए लगी है एलईडी स्क्रीन
वाराणसी स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए रियल टाइम में आरती देखने के लिए घाट पर हाई रेजुलेशन कैमरे लगाए गए हैं. भक्तों के आवागमन की दृष्टि से 6 जगहों पर एलईडी स्क्रीन लगी हुई है. ये प्रमुख स्थान अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, राजघाट, गोदौलिया मल्टी लेवल पार्किंग और वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन है. सजीव तस्वीरों के साथ इस पुनीत आयोजन से श्रद्धालु जुड़ सकेंगे. घाटों पर एलईडी स्क्रीन को इस तरह से लगाया गया है कि जिससे घाट पर आने वाले सैलानियों के साथ-साथ नौकायन करने वाले भी आरती देखते हुए दर्शन कर सकेंगे.

लाखों श्रद्धालु पहुंचने का अनुमान
इसके अलावा बड़ी स्क्रीन पर अर्धचंद्राकार घाटों के पार रेत पर होने वाली ग्रीन आतिशबाजी दिखाई जाएगी. अयोध्या के बाद अब काशी में देव दीपावली पर 12 लाख दिये जलाए जाएंगे. इनमें एक लाख दीप गाय के गोबर से बने होंगे. इस वर्ष देव दीपावली पर 7-8 लाख श्रद्धालुओं के काशी पहुंचने का अनुमान है.

तैयारी को लेकर नगर आयुक्त ने बताया
वाराणसी नगर निगम के नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि कि नगर निगम की तरफ से तैयारियां जोर-जोर से की जा रही हैं. इस बार पूरे शहर को घाटों के साथ सजाने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि शहर के हर हिस्से को रोशनी से सजाया जाएगा. इसके लिए लगभग शहर के 25 किलोमीटर के दायरे में आने वाले हर हिस्से को सजाने का काम किया जाएगा. गलियों से लेकर सड़कों पर बिजली के पोल, डिवाइडर, हेरिटेज पोल्स के अलावा घाट किनारे की इमारत के साथ ही गंगा में चलने वाली नावों को भी सजाने का काम किया जा रहा है.

पुलिस बल और फायर ब्रिगेड तैनात
वहीं देव दीपावली पर्व पर पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था की फुल प्लानिंग की है. अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था चिनप्पा शिव शिंपी ने बताया कि घाटों पर 70 वर्ष टावर से भीड़ की निगरानी करने की तैयारी है. यहां वॉच टावर बनाने का काम शुरू किया गया है. भीड़ पर करीब से निगरानी करने के लिए सादे कपड़ों में भी पुलिस बल की तैनाती रहेगी, जो वॉच टावर बनाए जाएंगे. वह 10 फीट ऊंचाई के होंगे. यहां ड्यूटी पर तैनात रहने वाले पुलिस कर्मियों को ड्रैगन लाइट, लाउड हेलर और कम्युनिकेशन के लिए आरटी सेट दिया जाएगा. सुरक्षा की दृष्टिगत गंगा घाटों पर अधिकारियों को भी जोन वाइज ड्यूटी पर तैनात किया जा रहा है, ताकि सब की जवाब दे ही तय की जा सके. प्रमुख घाटों के पास 11 स्थान पर फायर ब्रिगेड कर्मियों की भी मौजूदगी रहेगी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना में जवान तुरंत एक्शन में आ सके. अस्सी घाट, राजघाट, नमो घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, शेर सिंह घाट समेत अन्य घाटों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी लगाई जाएंगी.

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