उत्तर प्रदेशलखनऊ

1300 से अधिक की गई नौकरी, कई कर्मचारियों पर हुई एफआईआर, क्या मंत्री के अल्टीमेटम से पीछे हटेंगे बिजलीकर्मी !

लखनऊ। यूपी में बिजलीकर्मियों की हड़ताल थमने का नाम नहीं ले रही है। 72 घंटे की यह हड़ताल आम जनता पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि अबतक करीब 1332 विद्युत कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। इसके अलावा 22 कर्मचारी नेतोओं पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जा रही है। इतना ही नहीं करीब 1 हजार से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बर्खास्त करने की तैयारी सरकार की तरफ से कर ली गई है।

इसके अलावा मंत्री एके शर्मा ने बिजली विभाग में संविदा और आउटसोर्सिंग के तहत तैनात हजारों कर्मचारियों को शनिवार शाम 6 बजे तक नौकरी में लौटने का आल्टीमेटम दिया है। नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है। इतना कुछ होने के बाद भी विद्युत कर्मचारी हड़ताल से वापस नहीं लौटे हैं। बिजलीकर्मियों के खिलाफ सरकार ने यह फैसला शनिवार को लिया है। सरकार के इस कार्रवाई की जानकारी ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने पत्रकार वार्ता कर दी है।

दरअसल, बिजलीकर्मियों की हड़ताल का असर लखनऊ, गोरखपुर, बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, आजमगढ़, अयोध्या, मिर्जापुर समेत कई जिलों में देखा जा रहा है। कई घंटों से जारी बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति ग्रामीण इलाकों की बताई जा रही है। आजमगढ़ तथा बलरामपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में बीते 24 घंटे से बिजली नहीं आ रही है। अकेले आजमगढ़ में करीब डेढ़लाख आबादी बिजली संकट से परेशान है। इसी तरह के हालात अन्य जिलों में है। बिजली संकट से पानी का संकट खड़ा हो गया है।

जबकि मंत्री एके शर्मा बिजलीकर्मियों के इस हड़ताल को असफल बता रहे हैं। हालांकि इसबीच वह भी मान रहे हैं कि कुछ इलाकों में कर्मचारियों ने जानबूझकर बिजली लाइन में गड़बड़ी की है। जिसके चलते उन इलाकों में बिजली कटौती हुई है। इसके अलावा इस मौसम में बिजली कटौती पहले की तरह ही रही है। आंधी, तुफान से पहले भी बिजली कटौती होती थी। इस वजह से इस बार भी हुई। मंत्री एके शर्मा की माने तो पूरे उत्तर प्रदेश में महज 2 प्रतिशत ही बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।

इस सब के बीच मंत्री ने यह भी कहा है कि वह बिजलीकर्मियों से बात करने को तैयार है। उन्होंने यह बातें मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही हैं। बिजली कर्मचारियों की मुख्य मांग सालों का बकाया बोनस, वेतन विसंगतियां को दूर करना, अस्थाई कर्मियों को नियमित किया जाये समेत कई मांगे शामिल हैं।

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