एनएचआरसी ने युपीपीसीएल के चेयरमैन को तलब करने के लिए चेतावनी देते हुए, मांगी रिपोर्ट

- महुरांव गांव में मकान के उपर से गुजर रहे हाईटेंशन तार का प्रकरण
भटनी-देवरिया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन को व्यक्तिगत रुप से तलब करने की चेतावनी देते हुए 10 जुन तक रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया है। उक्त प्रकरण भटनी के महुरांव निवासी प्रद्युम्न यादव के मकान के उपर से गुजर रहे हाईटेंशन ग्यारह हजार वोल्टेज तार का है। जिस पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाया यह और आयोग ने 3 मई को मामले मे सुनवाई करते हुए आपने आदेश मे कहा है कि वर्तमान शिकायत में, शिकायतकर्ता ने देवरिया जिले में घर की छत से गुजरने वाले हाई टेंशन बिजली के तार के मार्ग को बदलने के लिए आयोग के हस्तक्षेप की मांग की है। इससे पहले एनएचआरसी के केस नं. 31957/24/21/2021 के आदेश दिनांक 27 अक्टूबर 2021 द्वारा आयोग ने अध्यक्ष, यूपीपीसीएल, लखनऊ को 8 सप्ताह के भीतर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
यह शिकायत अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड, उत्तर प्रदेश को प्रेषित की गई थी। इस निर्देश के साथ कि शिकायत में लगाए गए आरोपों पर गौर किया जाए और चार हफ्ते के अन्दर एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। प्रत्युत्तर में उप महाप्रबंधक यू.पी. पावर कारपोरेशन लिमिटेड, लखनऊ ने उनके 27 दिसंबर 2022 के पत्र की प्रति इस आयोग को पृष्ठांकित की है।
पत्र में मुख्य अभियंता, वितरण, गोरखपुर परिक्षेत्र, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को मामले में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। आयोग ने मामले पर गम्भीरता से विचार किया है। काफी समय बीत जाने के बावजूद राज्य के अधिकारियों ने अपेक्षित रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। आयोग ने वर्तमान मामले में राज्य के अधिकारियों की लापरवाही और लापरवाही को गंभीरता से लिया है।
अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड, उत्तर प्रदेश को चार सप्ताह के भीतर अपेक्षित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अंतिम अनुस्मारक जारी किया जाना है, जिसमें विफल रहने पर आयोग वर्तमान मामले में मानवाधिकार अधिनियम की सुरक्षा की धारा 13 के अंतर्गत आयोग के समक्ष उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए दंडात्मक प्रक्रिया जारी कर सकता है। इसलिए, यह अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में आयोग द्वारा निर्देशित अतिरिक्त व पूर्ण रिपोर्ट आयोग के समक्ष आगे के विचार के लिए 10 जून तक भेजी जाए।