उत्तर प्रदेशसंतकबीरनगर

श्रीराम का जीवन चरित्र आदर्श मर्यादा और संस्कार का प्रतीक है- आचार्य धरणीधर*

  • सन्तकबीरनगर।* राम का जीवन चरित्र आदर्श मर्यादा संस्कार का प्रतीक है। राम ने जीवन पर्यंत मर्यादा और संस्कार के साथ विनम्रता को भी नहीं छोड़ा इसीलिए श्रीराम महान पुरुष कहलाए थे। श्रीराम भारतीय संस्कृति के संवाहक थे। श्रीराम ने भारतीय संस्कृति के आधार पर ही अपने जीवन को जिया और संसार को एक आदर्श शिक्षा प्रदान की जो आज भी प्रासंगिक है।संस्कारों से ही जीवन में सफलता प्राप्त करता है। समाज में हम आग लगाने का नहीं आग बुझाने का प्रयास करें। हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने से लंका पूरी जलकर खाक हो गई। लेकिन विभीषण का घर में आग नहीं लगाई थी क्योंकि विभीषण के घर के बाहर श्रीराम लिखा हुआ था,जो श्रीराम का भक्त होता है उसका संकट में भी कु छ नहीं बिगड़ता है आचार्य धरणीधर जी ने कहा मेघनाद,कुंभकर्ण और रावण को मारने के बाद श्रीराम विभीषण का राजतिलकर करके उन्हें लंका का राजा बनाते हैं।चौदह वर्ष बाद भगवान राम आए

भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ अयोध्या वासियों ने खुब उत्सव मनाया इस अवसर पर दैनिक यजमान के रूप में बीर बहादुर राय भीम राय,बेबी राय,पुर्व प्रधान इन्द्रावती राय,वरुण पाण्डेय टिंकू, लालबहादुर राय,गुड्डू राय, पौली ब्लाक प्रमुख व प्रमुख संघ जिलाध्यक्ष राम मिलन यादव, वरिष्ठ भाजपा नेत्री व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष महिला मोर्चा सुनीता अग्रहरी चन्द्र प्रकाश राय,अजीत नाथ मिश्र,अनिल राय,रिंकु राय,मोहित राय,विशाल राय,विपिन राय,मोनू राय,चिंतामणि पाण्डेय,मृत्युंजय राय, रविंद्र प्रताप सिंह,वीरेंद्र श्रीवास्तव, शैलेन्द्र सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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