सपा ‘बिजली व्रत’ करेगी, जनता का साथ देगी : अखिलेश यादव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मियों की बृहस्पतिवार की रात से जारी हड़ताल की पृष्ठभूमि में रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से बिजली के वैकल्पिक साधनों का उपयोग नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि सपा ‘बिजली व्रत’ करेगी और जनता का साथ देगी। गौरतलब है कि बिजली कंपनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मियों ने बृहस्पतिवार रात से तीन दिन हड़ताल शुरू की है।
डबल इंजन की सरकार में उप्र को बिना बिजली के रहने का अभिशाप मिला है। बच्चे-बूढ़े परेशान हैं, मरीज़ों का हाल बेहाल है, व्यापार-कारोबार ठप्प है और प्रशासन की बत्ती गुल है।
भाजपा सरकार समझ ले कि उप्र को बुलडोज़र की जगह जेनरेटर की ज़रूरत है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 18, 2023
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने रविवार को ट्वीट किया, उत्तर प्रदेश की जनता जिस तरह बिजली संकट से जूझ रही है, उसे देखते हुए हम यह अपील करते हैं कि सपा के नेतागण, कार्यकर्ता व शुभचिंतक बिजली आपूर्ति सामान्य होने तक इन्वर्टर या जेनरेटर जैसे बिजली के वैकल्पिक साधनों का व्यक्तिगत रूप से उपयोग ना करें। उन्होंने आगे लिखा है, सपा बिजली-व्रत करेगी और जनता का साथ देगी।
उप्र की जनता जिस तरह बिजली संकट से जूझ रही है, उसे देखते हुए हम ये अपील करते हैं कि सपा के नेतागण, कार्यकर्ता व शुभचिंतक तब तक इन्वर्टर या जेनरेटर जैसे बिजली के वैकल्पिक साधनों का व्यक्तिगत प्रयोग न करें जब तक बिजली की बहाली न हो जाए।
सपा ‘बिजली-व्रत’ करेगी और जनता का साथ देगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 19, 2023
इस बीच राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी और उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा मोना ने संयुक्त रूप से प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाकर तत्काल बिजली विभाग के हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता करनी चाहिए और अतीत में जो समझौते हुये हैं उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, क्योंकि मंत्री व अधिकारी बदलते रहते हैं किंतु सरकार एक सतत व निरंतर प्रक्रिया है।
निजी हाथों में बिजली सौंपने के लिए दिल्ली-लखनऊ मिलकर यूपीवालों व बिजलीकर्मियों दोनों को उत्पीड़ित कर रहे हैं।
भाजपाई संविदाकर्मियों का रोज़गार छीनना चाहते हैं?जो पुलिस क़ानून-व्यवस्था नहीं संभाल पाती, वो बिजली क्या सँभालेंगी?सपा के समय घाटे से उबरा कारपोरेशन अब घाटे में क्यों है? pic.twitter.com/DwSkKY9e4P— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 18, 2023
तिवारी और मिश्रा ने रविवार को जारी एक साझा बयान में यह जानकारी दी। नेता ने कहा, यह आम चर्चा थी कि बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है इससे बिजली विभाग के कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना जागृत हुई है। हमारा सुझाव है कि बिजली विभाग का निजीकरण न किया जाए, क्योंकि जिन- जिन राज्यों में बिजली विभाग का निजीकरण हो रहा है वहां उपभोक्ताओं के लिये बिजली महंगी हो जाती है।