बहराइच: कतर्नियाघाट इलाके में तेंदुए के हमले में महिला समेत तीन घायल, इलाके में हड़कंप
बिछिया, बहराइच। कतर्नियाघाट इलाके में तेंदुए की घटना से हड़कंप मच गया। मंगलवार को तेंदुए ने खेत में काम कर रहे एक महिला समेत दो किसानों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया आनन-फानन में गांव कर लोगों ने घायलों को पीएचसी सुजौली भर्ती कराया जहां से उन्हें सीएचसी मोतीपुर के लिए रेफर कर दिया गया। तहसील मिहीपुरवा अंतर्गत कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के जंगल से सटे आबादी में तेंदुए की घटनाएं लगतार बढ़ती जा रही है।
आबादी की ओर तेंदुए की दस्तक से लोग परेशान हैं। निशानगाड़ा रेंज अंतर्गत थाना सुजौली क्षेत्र के राणा फार्म मटेही गांव में आज सुबह 8,30 बजे के करीब थारू महिला राजकुमारी (53) पत्नी मंगली अपने खेत में गेंहू की तैयार फसलों को तोता पक्षियों से रखवाली कर रही थी। तभी जंगल से निकलकर आए तेंदुए ने उसपर हमला कर दिया। खुद को तेंदुए से बचाने के लिए महिला ने हाथ आगे किया जिसपर महिला के उंगली को तेंदुआ चबा गया।
महिला ने किसी तरह संघर्ष तेंदुए से जान बचाने में कामयाब हुई। महिला पर हमला करने के बाद तेंदुआ खेत में ही छिप गया फिर उसने कुछ देर बाद खेत की रखवाली कर रहे गांव निवासी विजय प्रताप 43 वर्ष पुत्र राजवंशी चौहान पर हमला कर दिया। इतने ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई सभी के हाका लगाने पर तेंदुआ पड़ोसी गांव आजमगढ़ पुरवा कारीकोट पहुच गया जहां खेत की रखवाली कर रहे किसान दलविंदर सिंह (50 )पुत्र कंदारा सिंह पर हमला कर दिया।
किसान तेंदुए से संघर्ष करता रहा इस बीच करीब 5 मिनट तक चले संघर्ष के बाद तेंदुआ हार मानते हुए वहां से भाग निकला। हमले में किसान बुरी तरह घायल हो गया उसके गले, कंधे और सीने पर भारी जख्म हुए हैं। तेंदुए के ताबड़तोड़ तीन हमलों की खबर से गांव में हड़कंप मच गया सभी लाठी डंडों के साथ हाका लगाने में जुट गए।
इस बीच ग्रामीणों ने घायलों को पीएचसी सुजौली पहुचाया। जहां से उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें सीएचसी मोतीपुर के लिए रेफर कर दिया गया। गांव निवासी शशिकांत, हरिकेश चौबे, मलकीत सिंह, गुरुवंत सिंह आदि का कहना है कि तेंदुआ अभी भी गांव की ओर कहीं खेत में छिपा है जो कभी भी कोई और घटना को अंजाम दे सकता है।
मौके पर पहुंचे वनकर्मी
घटना की सूचना पर पीएचसी पहुचे वन कर्मी वनरक्षक कौशल किशोर सिंह, वाचर रमेश कुमार, पंकज यादव ने घायलों को सीएचसी भिजवाया साथ ही ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वन विभाग उनकी सुरक्षा के लिए मौजूद है।