पीजीआई में लैंगिक संवेदनशीलता पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के जन संपर्क विभाग द्वारा शनिवार को मिनी सभागार में आंतरिक शिकायत समिति,के तत्वावधान में लैंगिक संवेदनशीलता,इसके समक्ष आने वाली चुनौतियां व कानूनी धाराओं व अधिनियम के प्रति महिला कर्मियों की समझ को विकसित करने व सभी सहकर्मियो द्वारा कार्यस्थल के परिवेश को सौहार्दपूर्ण बनाने के उद्देश्य से लैंगिक संवेदनशीलता के प्रति जागरूकता’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
अध्यक्ष प्रोफेसर शुभा फड़के ने कार्यस्थल पर लिंग आधारित उत्पीड़न से निपटने की आवश्यकता को समझाने का प्रयास किया। साथ ही कार्य क्षेत्र में उत्पीड़न को रोकने के लिए संस्थान में बनाए गए आंतरिक समस्या समिति के बारे में भी बताया। संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रो शालीन कुमार ने उत्पीड़न की मनोवृत्ति की मूल उत्पत्ति को समझाते हुए कहा कि सिनेमा, पारिवारिक संस्कृति व समाज किसी भी व्यक्ति विशेष के सोच व व्यवहार को प्रभावित करता है। किसी के आचार-विचार व व्यवहार को आसानी से नहीं बदला जा सकता है। ये समय के साथ खुद के अंदर बदलाव लाने के साथ ही संभव है।
सीनियर फिजीशियन डाक्टर प्रेरणा कपूर ने भी विचार व व्यवहार परिवर्तन की बात करते हुए बताया कि हमें सर्वप्रथम अपने अंदर बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए । इसके लिए हमें कार्यक्षेत्र में एक दूसरे के साथ सम्मानित व सभ्य तरीके से बात करना चाहिए और किसी के साथ भी अपमानजनक भाषा व व्यवहार का निषेध करना चाहिए।
पैनल चर्चा में विभिन्न मुद्दों जैसे लिविंग इन रिलेशनशिप व उत्पीड़न, कार्यक्षेत्र में इव टीजिंग, अनुशासन हीनता व उत्पीड़न में अंतर, उत्पीड़न को कार्यक्षेत्र के अंदर कैसे प्राथमिक स्तर पर ही रोका जाए, ज्वाइंट पेरेंटिंग, कार्यक्षेत्र में महिला व पुरुष के लिए सौहार्द पूर्ण वातावरण पर परस्पर चर्चा हुई। इस जागरुकता कार्यक्रम मे संस्थान परिवार के लगभग 130 सदस्यो ने प्रतिभागिता की।