उत्तर प्रदेशकुशीनगर

जनपद कुशीनगर एवं बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में अंधविश्वास फैलाकर चल रहा है धर्म परिवर्तन का खतरनाक खेल

सप्ताह दो दिन जुटती है हजारों की भीड़ ,चलता है ड्रामा

आर के भट्ट

ब्यूरो, कुशीनगर

जनपद कुशीनगर एवं बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में वर्षों से अंधविश्वास फैलाते हुए इसकी आड़ में धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है, लेकिन आश्चर्य इस बात का है की ना ही उत्तर प्रदेश की पुलिस एवं प्रशासन और ना ही बिहार की पुलिस और प्रशासन इसको लेकर कोई कार्रवाई कर रही है ,जबकि आम जनमानस में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

लोग इस बात की भी चर्चा करते हैं की इतना बड़ा नाटकीय ड्रामा वर्षों से हो रहा है और प्रशासन की नजर इस पर ना हो ऐसा संभव नहीं है।

इस संदर्भ में जनपद कुशीनगर के जटहा बाजार, नेबुआ नौरंगिया, कप्तानगंज और बिशुनपुरा थाना क्षेत्र में कई बार लोगों को जब जानकारी हुई है तो वे अक्रोशित हुए हैं और संबंधित के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया है। परंतु इसमें कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुशीनगर जनपद की सीमा से सटे खिरिकिया स्थान से तीन से चार किलोमीटर पर बिहार प्रांत में गोबरहिया गांव में एक पास्टर के नेतृत्व में रविवार एवं बृहस्पतिवार को सप्ताह में दो दिन लगभग 10 से 15000 की भीड़ एकत्रित होती है और पास्टर के द्वारा पानी पिलाकर ,छिड़क कर एवं तमाम नाटकीय करतब दिखाया जाता है ।नाटकीय घटनाक्रम में मृतप्राय ब्यक्ति दौड़ने लगता है ,गूंगा बोलने लगता है और तमाम आश्चर्यजनक करतब दिखाकर लोगों में अंधविश्वास चलते हुए भ्रम की स्थिति पैदा की जाती है। और प्रभु यीशु के नाम की प्रार्थना करवाते हुए प्रभु पर विश्वास करने का वचन दिलवाया जाता है । एक नजर में यह सारा घटना कम प्रायोजित नजर आता है।एक विशाल मंच पर पास्टर का भाषण और गीत संगीत के कार्यक्रम का आयोजन होता है और पीछे लड़कियां नृत्य भी करती हैं। जिस स्थान पर इतनी भारी भीड़ जमा की जाती है सवाल यह है कि उतनी भारी भीड़ के नियंत्रण के लिए भी वहां सुरक्षा के क्या इंतजाम है ?अचानक से कोई दुर्घटना घट जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? और इतने सारे लोगों को बुलाने उनके खाने-पीने का खर्च कौन वहन करता है ?

जो पास्टर कुछ दिनों पहले तक एक सामान्य गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था, वह काले पहनावे में कई कई बाउंसर रखता है और लग्जरी गाड़ियों से कैसे चलता है?

सूत्र बताते हैं कि इनके लोग कुशीनगर जनपद के सीमावर्ती क्षेत्रों जाकर छोटी-छोटी बैठके चुपके चोरी करके लोगों के बीमारियों को ठीक करने के बहाने उनके भीतर अंधविश्वास पैदा कर ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाता है। जहां इतने अधिक रुपए खर्च किए जा रहे हैं वहां किसी बड़ी फंडिंग से इंकार नहीं किया जा सकता। लोग बताते हैं कि बृहस्पतिवार और रविवार को खिरिकिया स्थान तथा बांसी से ऑटो रिक्शा वालों का रेला नहीं टूटता और भारी संख्या में पटना, से लेकर मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, छपरा ,गोपालगंज ,सिवान आदि से लोग आते हैं। अगर समय रहते उत्तर प्रदेश एवं बिहार का शासन प्रशासन एवं पुलिस विभाग के आला अधिकारी नहीं जागे तो यह धर्म परिवर्तन तथा अंधविश्वास का अंधा खेल चलता रहेगा और जिस स्थान पर इतनी भारी भीड़ बिना सुरक्षा के जुटाई जा रही है वहां किसी बड़ी दुर्घटना के होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

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