अब औषधीय पौधों से महकेगा, लखनऊ में स्थापित राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने की पहल
लखनऊ। राजधानी के निशातगंज स्थित राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान का पूरा परिसर अब औषधीय पौधों से महकेगा। संस्थान के इतिहास में पहली बार ये सराहनीय पहल विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रमुख सचिव बेसिक व माध्यमिक दीपक कुमार की ओर से गई है। सोमवार को यहां राष्ट्र सन्त महन्त अवेद्यनाथ पर्यावरण वाटिका का लोकार्पण कर औषधीय पौधे रोपे गयें।
इस मौके पर उनके साथ महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द, राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान के निदेशक प्रताप सिंह बघेल, विशेष सचिव माध्यमिक जीएस नवीन कुमार प्रभागीय वन अधिकारी रवि कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद निदेशक डॉ अंजना गोयल, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव, संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार, डॉ. आशुतोष दुबे संयुक्त शिक्षा निदेशक, डा. पवन कुमार, जेडी माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी
वरिष्ठ विशेषज्ञ नन्द कुमार, जीवेन्द्र सिंह ऐरी, एडीबेसिक लखनऊ मंडल श्याम किशोर तिवारी डीआईओएस राकेश पाण्डेय, प्रशासनिक अधिकारी संजय शुक्ल सहायक उप शिक्षा निदेशक कमलाकर पाण्डेय, सहायक उप शिक्षा निदेशक एससीईआरटी संजीव कुमार सिंह, पंकज कुमार सहायक उप शिक्षा निदेशक, मध्यान्ह भोजन, बीएसए अरूण कुमार, वैयक्तिक सहायक डॉ. रामचन्द्र, विधि अधिकारी श्रवण कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी पद्मशेखर मौर्य, बीईओ राजेश सिंह उपस्थित रहे।
वृक्षारोपण के साथ लिया सरंक्षण का संकल्प
वृहद वृक्षारोपण के अन्तर्गत अपर मुख्य सचिव ने पारिजात व रूद्राक्ष, महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से रूद्राक्ष के पौधे रोपित किए गये। वहीं डॉ. यूपी एससीईआरटी की निदेशक अंजना गोयल और बेसिक व माध्यमिक निदेशक डॉ. महेन्द्र देव शिक्षा निदेशक माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा ने रूद्राक्ष के पौधे रोपित किये गये। इसके अलावा गुलमोहर, नीम, अमरूद, आंवला, जामुन, बेल, आम, अशोक, पारस पीपल, मौलश्री, कचनार, पाकड़, कटहल के भी पौधे रोपित किए गये। बड़ी बात ये रही कि पौधारोपण के बाद अधिकारियों ने उन्हें सरंक्षित करने का भी संकल्प लिया।
संस्थान के परिसर में बागबानी से पक्षियों को मिलेगी राहत
पहली बार राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान में शुरू हुई इस तरह की बागबानी से पक्षियों को अब भी राहत मिल सकेगी। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने राष्ट्र सन्त महन्त अवेद्यनाथ पर्यावरण वाटिका का लोकार्पण करते हुए कहा कि हमारी पृथ्वी जो हमारा घर है जहॉ हम मनुष्य, पशु पक्षी, पौधे निवास करते हैं। उन्होने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून, 1972 से सतत् रूप से मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना तथा प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना है।