उत्तर प्रदेश

*श्री रामकथा हर समस्या के समाधान की कथा है-आचार्य धरणीधर*

*सन्तकबीरनगर।* विकास खण्ड बघौली के अन्तर्गत ग्राम सभा उतरावल में स्थित श्री सिद्धेश्वर नाथ मन्दिर परिसर में चल रहे श्रीराम कथा के आठवें दिन आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कहा आज का समाज पहले से अधिक जाग्रत है, वह सत्कर्म की बात प्रभावशाली ढंग से कहता है लेकिन जब उसे अमल में लाने की बात आती है तो वह दोहरा चरित्र अपना लेता जाता है। बाद में यह उसके पतन का कारण बन जाता है।
आज का समाज पहले से अधिक जाग्रत है, वह सत्कर्म की बात प्रभावशाली ढंग से कहता है लेकिन जब उसे अमल में लाने की बात आती है तो वह दोहरा चरित्र अपना लेता जाता है। बाद में यह उसके पतन का कारण बन जाता है।आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कहा राम भरत प्रसंग पर बताया कि जब भरत ने राम को अयोध्या चलने की कहा तो राम ने कहा कि वे प्राण दे सकते हैं। लेकि न अपने वचन को नहीं छोड़ सकते। राम, भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण सभी भाइयों में भाई प्रेम धर्म था। उनको संसार में कोई भी पराजित नहीं कर पाया था। इसलिए भाइयों का प्रेम यदि परिवार में हो तो उस परिवार में हमेशा सफलता मिलती है। परिवार में धर्म युक्त जीवन जीना चाहिए। संसार युक्त जीवन नहीं। राम भक्ति करने वाले का पूरा परिवार पूजा जाता है। अर्थ के लिए प्राप्त धन परमार्थ के लिए लगाया जा सकता है। संसार की वस्तुओं के लिए मनुष्य छल कपट करता है। लेकि न सब व्यर्थ है। यदि मन में अशांति आए तो चित्रकू ट जाकर तपस्या करना चाहिए। इससे शांति मिलती है। श्री राम ने भी वहां तपस्या की तो उन्हें भी शांति मिली और जीवन में सफलता मिली। हनुमान जी भाग्यशाली थे जिन्होंने राम के चरणों में शरण ली और सेवा में लगे रहे हैं। आज लोग पद के लिए लड़ रहे हैं। लेकि न हनुमान जी ने राम जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम के सेवक बनकर संसार को संदेश दिया है कि पद के लिए लाइन नहीं लगना चाहिए। सेवा के लिए कर्म करना चाहिए। तभी शक्तिशाली बन सकते हैं।इस अवसर पर दैनिक यजमान के रूप में चन्द्रभान राय, कलावती राय, हरि श्याम राय,मीना राय,सत्यम राय, शंभू राय, सौरभ राय, डॉ तीर्थ राज राय, राधेश्याम राय, रामजीत राय,बुद्धु राय, सुभाष चन्द्र पाण्डेय,श्रवण पाठक समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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