उत्तर प्रदेशलखनऊ

मुख्तार गैंग के खात्मे की कहानी, विरासत के वारिस पर सवाल बरकरार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े माफिया कहे जाने वाले मुख्तार अंसारी का अंत हो गया है मुख्तार के अंत के साथ यह माना जा रहा है कि सबसे बड़ा माफिया गैंग भी खत्म हो गया है। मुख्तार के चले जाने के बाद अब उसकी अपराधिक विरासत का वारिस कौन होगा इसको लेकर भी चर्चाएं गर्म है। मुख्तार अंसारी की पत्नी के खिलाफ तेरा मुकदमे है जो अभी फरार चल रही है। वहीं, मुख्तार अंसारी की बड़े बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ आठ मुकदमे है जो जेल में बंद है। छोटे बेटे उमर अंसारी के खिलाफ 6 मुकदमे हैं हालांकि उमऱ जमानत पर बाहर है।

मुख्तार अंसारी की पुत्रवधू निखत बानो के खिलाफ एक मुकदमा है वह अभी जमानत पर बाहर है। मुख्तार अंसारी के भाई अफजल जमानत पर बाहर है, वही मुख्तार अंसारी के दूसरे भाई सिगबैतुल्लाह के खिलाफ चार मुकदमे है लेकिन यह जेल से बाहर है। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब उसके अपराधिक साम्राज्य का अंत माना जा रहा है।

बड़ा बेटा है राजनीतिक उत्तराधिकारी
भले ही अपराधिक साम्राज्य के लिए मुख्तार अंसारी को उत्तराधिकारी ना मिल रहा हो लेकिन जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी ने राजनीतिक विरासत संभाली है। मुख्तार अंसारी के क्षेत्र मऊ की सदर सीट से अब्बास अंसारी सोहेलदेव समाजवादी पार्टी से विधायक चुने गए थे। हालांकि, इसके बाद आठ आपराधिक मामलों के तहत अब्बास अंसारी को जेल हुई है। अपराध जगत में पैर जमाने के बाद मुख्तार अंसारी राजनीति में आया था। मुख्तार पहली बार मऊ सदर विधानसभा से 1996 में बसपा से जीतकर विधायक बना। इसके बाद वर्ष 2002 और 2007 में वह निर्दलीय विधायक बना। इसके बाद मुख्तार ने कौमी एकता दाल बनाया और वर्ष 2012 में चुनाव जीत, 2017 में बसपा से मुख्तार अंसारी ने जीत हासिल की। वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव में वह वाराणसी से बीजेपी के डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ उम्मीदवार बना हालांकि वह 17000 से अधिक वोटो से हार गया।

पूर्वांचल में गैंगवार का हुआ अंत
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के साथ ही पूर्वांचल में पिछले 4 दशक पुरानी गैंगवार का अंत भी होता हुआ नजर आ रहा है। पूर्वांचल में पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की अदावत के किस्से बनारस की गलियों से लेकर गाजीपुर और मऊ बलिया तक चर्चा में रहते हैं। हालांकि बृहस्पतिवार की रात मुख्तार अंसारी खुद भी एक किस्सा बनकर रह गए। ‌ माना जा रहा है मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब पूर्वांचल में चार दशक पुराने गैंगवार का अंत हो जाएगा।

Khwaza Express

Khwaza Express Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2008. The proud journey since 16 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2008.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button