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किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग खारिज, स्पीकर बोले नोटिस से खत्म नहीं होती विधायकी

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने तोशाम से विधायक किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने संबंधी कांग्रेस की मांग को खारिज कर दिया है।

यह मांग विधान सभा के ‘दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता नियम, 1986’ की कसौटियों पर खरी नहीं उतरी, जिसके कारण तकनीकी आधार पर इसे निरस्त कर दिया गया। विधानसभा सचिवालय ने वीरवार को इस संबंध में कांग्रेस नेताओं को अवगत करवा दिया।

गौरतलब है कि विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक भारत भूषण बत्रा और विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद की ओर से गत 19 जून को विधायक किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस भेजा गया था।

इसके 6 दिन बाद उन्होंने एक रिमाइंडर भी भेजा। विधानसभा सचिवालय की ओर से स्पष्ट किया गया कि इस प्रकार की मांग को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के सम्मुख याचिका दायर की जाती है, जबकि कांग्रेस नेताओं ने मात्र एक नोटिस भेजकर किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की मांग की।

‘दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता नियम, 1986’ में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि किसी विधायक की सदस्यता खत्म करने की मांग वाली याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे और दलीलों के सत्यापन के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के भाग 5 में निर्धारित तरीके से सत्यापित किया जाएगा।

इसके साथ ही याचिका के प्रत्येक अनुलग्नक पर भी याचिकाकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे और इस पर भी याचिका के समान तरीके से सत्यापित किया जाएगा। इन नियमों के नियम 7 के उपभाग 2 में कहा गया है कि यदि याचिका नियम 6 की कसौटियों पर खरा नहीं उतरती तो विधान सभा अध्यक्ष इसे खारिज कर देंगे।

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कांग्रेस नेताओं की ओर से प्राप्त नोटिस का विशेषज्ञों से परीक्षण करवाया है। इस दौरान पाया गया कि यह यह नोटिस नियमों की कसौटियों पर खरा नहीं उतर पा रहा है।

कांग्रेस की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि किरण चौधरी 2019 के विधान सभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के टिकट पर भिवानी जिले के तोशाम निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुईं और 18 जून 2024 को उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

इसके अगले दिन 19 जून को वे भाजपा में शामिल हो गईं। कांग्रेस नेताओं ने किरण चौधरी की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए इस्तीफे की प्रति भी साथ संलग्न की।

कांग्रेस की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया कि संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1) (ए) के अनुसार अगर किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित सदस्य स्वेच्छा से पार्टी छोड़ देते हैं, तो वे सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाते हैं। उन्होंने मांग की कि किरण चौधरी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, ऐसे में उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।

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