मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना ने रचा नया कीर्तिमान, पीसीएस मुख्य परीक्षा 2024 में शामिल हुए 300 से अधिक अभ्यर्थी

- प्रतियोगी परीक्षा की पढ़ाई कराने वाली किसी भी योजना से सबसे अधिक अभ्यर्थियों की भागीदारी
- 24 घंटे लाइब्रेरी, टेस्ट सीरीज और स्टडी मटीरियल ने बदली तस्वीर
- ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं तक तेजी से पहुंच रही अभ्युदय कोचिंग योजना
- प्रदेश के 75 जिलों में 166 उच्च गुणवत्ता वाली कोचिंग हो रही संचालित
- सभी कोचिंग सेंटरों में अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण
- गरीब व वंचित वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है योगी सरकार- असीम अरुण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की युवा प्रतिभाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में हरसंभव सहयोग देने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प को समाज कल्याण विभाग की मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना लगातार साकार कर रही है। हाल ही में आयोजित पीसीएस मुख्य परीक्षा 2024 में योजना से जुड़े 300 से अधिक अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया, जो अब तक प्रतियोगी परीक्षा की पढ़ाई कराने वाली किसी भी योजना में सबसे अधिक संख्या है।
ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं तक तेजी से पहुंच रही अभ्युदय कोचिंग योजना
सीएम योगी की यह योजना की पहुंच तेजी से जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों तक हो रही है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना न केवल प्रशासनिक सेवाओं में युवाओं की भागीदारी बढ़ा रही है, बल्कि राज्य में बेरोजगारी को कम करने की दिशा में भी एक निर्णायक प्रयास बन चुकी है। ग्रामीण और गरीब तबकों के प्रतिभावान युवाओं के लिए यह योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर उभरी है।
इस वर्ष की परीक्षा में लखनऊ के गोमतीनगर स्थित ‘भागीदारी भवन’ सबसे प्रभावशाली केंद्र रहा, जहां से 200 से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। वहीं हापुड़ केंद्र से 70 से अधिक और आदर्श परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र से 35 से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।
24 घंटे लाइब्रेरी, टेस्ट सीरीज और आंसर राइटिंग अभ्यास बनी सफलता की चाबी
मुख्यमंत्री योगी के निर्देशन में योजना को व्यवहारिक और परिणामपरक बनाया गया है। 24 घंटे खुली लाइब्रेरी, गुणवत्तापूर्ण स्टडी मटीरियल, नियमित टेस्ट सीरीज और उत्तर लेखन (Answer Writing) की विशेष व्यवस्था ने छात्रों की तैयारी को सुदृढ़ किया। अभ्युदय योजना की सफलता में उपाम (उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी) की विशेष भूमिका रही। अपर मुख्य सचिव एल वेंकटेश्वर लू के मार्गदर्शन में उपाम से जुड़े ट्रेनी IAS-PCS अधिकारियों ने विद्यार्थियों को मेंटरशिप प्रदान की। इसने युवाओं को प्रत्यक्ष मार्गदर्शन और परीक्षा की बारीकियों को समझने में मदद दी।
इन केंद्रों की सफलता में स्थानीय जिला समाज कल्याण अधिकारी भूमिका महत्वपूर्ण रही। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से उत्तर लेखन कार्यशालाएं संचालित कीं, पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई और लाइब्रेरी को 24 घंटे सुचारु रूप से चालू रखने की व्यवस्था की। इससे छात्रों को एक अनुशासित और संसाधन-संपन्न वातावरण मिला।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करा रही योगी सरकार
योगी सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से छात्रों को नि:शुल्क कोचिंग, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे वे यूपीएससी, पीसीएस, जेईई, नीट जैसी कठिन परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकें। योगी सरकार ने इस योजना को राज्य के 75 जनपदों में सफलतापूर्वक संचालित कर रही है, जहां करीब 166 केंद्र संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का कार्यान्वयन उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी निगरानी में किया जा रहा है। इसकी बकायदा मॉनिटरिंग के लिए लखनऊ में अलग से अभ्युदय सचिवालय स्थापित किया गया है जहां से प्रतिदिन इन सभी कोचिंग सेंटरों के संचालन की पूरी व्यवस्था की देखरेख की जा रही है।
समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि का परिणाम है। इस योजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि सही दिशा, संसाधन और मार्गदर्शन मिले, तो किसी भी वर्ग का युवा प्रशासनिक सेवाओं में स्थान बना सकता है। हम निरंतर प्रयासरत हैं कि यह योजना और अधिक जिलों में प्रभावी ढंग से लागू हो और हर पात्र युवा तक पहुंचे।