
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भूटान की सफल दो दिवसीय राजकीय यात्रा समाप्त कर दिल्ली लौटते ही सीधे लोक नायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल पहुंचकर रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए विस्फोट के घायलों से मुलाकात की। इस दर्दनाक घटना में 10 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। पीएम मोदी ने घायलों को ढांढस बंधाया, उनकी हालत का जायजा लिया और जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
भूटान यात्रा के दौरान ही दिल्ली में हुई इस घटना पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने पीएम मोदी को संवेदना संदेश भेजा था। उन्होंने दिल्ली विस्फोट में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भूटान के इस समर्थन की सराहना की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “भूटान की यात्रा सफल रही, लेकिन दिल्ली की घटना ने मन दुखी कर दिया। घायलों से मिलना मेरा कर्तव्य था।”
इसके बाद पीएम मोदी शाम 5:30 बजे कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में विस्फोट की जांच, सुरक्षा उपायों और संभावित आतंकी साजिश पर चर्चा होगी। दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियां इसे UAPA के तहत दर्ज FIR के आधार पर जांच रही हैं, जो एक सुनियोजित आतंकी हमला लग रहा है।
पीएम मोदी दो दिन की यात्रा पर मंगलवार को थिम्पू पहुंचे थे। उन्होंने यात्रा के पहले दिन भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। स्वदेश रवाना होने से पहले श्री मोदी ने आज सुबह थिम्पू में भूटान के चतुर्थ नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात की और उन्हें 70 वीं जयंती के अवसर पर बधाई दी। बाद में वह वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव के दौरान चांगलिमथांग स्टेडियम में कालचक्र दीक्षा समारोह में शामिल हुए और इस का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने स्वदेश रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और संपर्क बढाने के क्षेत्र में हुई बातचीत से द्विपक्षीय साझेदारी और मजबूत होगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “मेरी भूटान यात्रा ऐसे समय में हुई है जब इस देश के लोग विभिन्न ऐतिहासिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। यह महामहिम चतुर्थ ड्रुक ग्यालपो की 70वीं जयंती है वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव चल रहा है और भारत से विशेष बुद्ध अवशेष यहां हैं। ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में प्राप्त परिणाम हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को और गति प्रदान करेंगे। भूटान की जनता और सरकार के प्रति मेरी कृतज्ञता। मैं भूटान के महामहिम राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का आभारी हूं कि वे दिल्ली के लिए रवाना होते समय हवाई अड्डे पर आए।”



