दीपावली पर रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ रुपये की बिक्री, सिर्फ सोना-चांदी में खर्च हुए 60,500 करोड़ रुपये

Diwali Sales 2025: इस साल भारत में दीपावली के मौके पर रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ रुपये की बिक्री हुई है, जिसमें से 5.40 लाख करोड़ रुपये उत्पादों की बिक्री और 65,000 करोड़ रुपये सेवाओं से आए। व्यापारियों के संगठन कैट ने मंगलवार को ये जानकारी दी। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने एक बयान में कहा कि हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कटौती और मजबूत उपभोक्ता विश्वास के कारण इस साल दीपावली पर रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई है। कैट ने ये आंकड़ा देशभर के 60 प्रमुख वितरण केंद्रों में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर जारी किया। इनमें राज्यों की राजधानियां और दूसरी एवं तीसरी श्रेणी के शहर शामिल हैं।
पिछले साल दीपावली पर हुई थी 4.25 लाख करोड़ रुपये की बिक्री
कारोबारी संगठन के मुताबिक, पिछले साल दीपावली पर 4.25 लाख करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी। मुख्यधारा की खुदरा बिक्री, खासकर गैर-कॉरपोरेट और पारंपरिक बाजारों का कुल व्यापार में 85 प्रतिशत योगदान रहा। ये ऑनलाइन खरीदारी के दौर में छोटे व्यापारियों और भौतिक बाजारों की मजबूत वापसी को दर्शाता है। क्षेत्रवार बिक्री के मामले में राशन सामग्री और रोजमर्रा के सामान 12 प्रतिशत, सोना एवं आभूषण 10 प्रतिशत (लगभग 60,500 करोड़ रुपये), इलेक्ट्रॉनिक्स एवं बिजली उपकरण 8 प्रतिशत, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद 7 प्रतिशत, रेडिमेड कपड़े 7 प्रतिशत, उपहार 7 प्रतिशत, घरेलू सजावट 5 प्रतिशत रहे। इसके अलावा फर्निशिंग एवं फर्नीचर 5 प्रतिशत, मिठाई और नमकीन 5 प्रतिशत, कपड़ा एवं वस्त्र 4 प्रतिशत, पूजा सामग्री 3 प्रतिशत और फल एवं सूखे मेवे 3 प्रतिशत भी शामिल हैं।
जीएसटी में हुई कटौती से बढ़ी खरीदारी
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने कहा कि सेवाओं के क्षेत्र ने पैकेजिंग, आतिथ्य, कैब सेवाएं, यात्रा, कार्यक्रम आयोजन, टेंट एवं सजावट, मानव संसाधन और आपूर्ति से 65,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया। सर्वे में शामिल 72 प्रतिशत व्यापारियों ने दैनिक उपयोग की वस्तुओं, जूते, परिधान, कन्फेक्शनरी, घरेलू साजसज्जा और टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती को उच्च बिक्री का मुख्य कारण बताया। रिपोर्ट कहती है कि स्थिर मूल्य ने उपभोक्ताओं की संतुष्टि बढ़ाई और उत्सव के दौरान खर्च को प्रोत्साहित किया। दीपावली पर कारोबारी गतिविधियां बढ़ने से 50 लाख अस्थायी रोजगार सृजित हुए, जिसमें ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों ने कुल व्यापार का 28 प्रतिशत हिस्सा लिया।