
वाशिंगटन: इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में अमेरिका की एंट्री हो चुकी है। अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हवाई हमला किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे एक सफल हमला बताया है। इस हमले के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि ये लड़ाई अमेरिका बनाम ईरान की हो सकती है लेकिन इस बीच अमेरिका की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है।
पेंटागन ने कही ये बात
संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की तरफ से कहा गया, ‘अमेरिका, ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी के बाद उसके साथ युद्ध नहीं करना चाहता।’ अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने रविवार को कहा, ‘अमेरिका ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर रात में अचानक हुए हमले के बाद उसके साथ युद्ध नहीं चाहता है।’
हेगसेथ और वायु सेना के जनरल डैन कैन, संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष ने पेंटागन समाचार सम्मेलन में कहा कि हमें ईरान के किसी प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। हेगसेथ ने कहा, “यह मिशन शासन परिवर्तन के बारे में नहीं था और न ही रहा है।”
केन ने कहा कि ऑपरेशन का लक्ष्य फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान में परमाणु स्थलों को नष्ट करना था, जिसे हासिल कर लिया गया है। केन ने कहा, “अंतिम युद्ध क्षति के आंकलन में कुछ समय लगेगा, लेकिन प्रारंभिक युद्ध क्षति आंकलन से संकेत मिलता है कि सभी तीन स्थलों को अत्यधिक गंभीर क्षति और विनाश हुआ है।”
उपराष्ट्रपति वेंस का भी सामने आया बयान
उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा कि अमेरिका ईरान के साथ युद्ध में नहीं है, बल्कि हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम के साथ युद्ध में हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने रविवार को कहा कि ईरान पर अमेरिकी हवाई हमलों ने उसके परमाणु कार्यक्रम में काफी देरी की है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी, ईरान के साथ युद्ध में नहीं हैं।
उन्होंने एबीसी से कहा, “मैं यहां संवेदनशील खुफिया जानकारी में नहीं जाना चाहता, लेकिन हम जानते हैं कि हमने कल रात ईरानी परमाणु कार्यक्रम को काफी हद तक पीछे धकेल दिया है, चाहे वह वर्षों या उससे भी अधिक हो। हम ईरान के साथ युद्ध में नहीं हैं। हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम के साथ युद्ध में हैं और मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ने कल रात उस कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की।”