
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘सुशांत गोल्फ सिटी’ बसाने वाला ‘असंल समूह’ दिवालिया हो गया। शहीद पथ के किनारे करीब 6,400 एकड़ में ये सिटी आबाद है। लखनऊ के 5 हजार से ज्यादा लोगों का करोड़ों रुपया कंपनी में फंसा गया है। इन्होंने सुशांत गोल्फ सिटी में मकान, फ्लैट, विला और जमीन के लिए एक दशक पहले से इन्वेसमेंट कर रखा था। कंपनी के दिवालिया घोषित होते ही लखनऊ में निवेशकों का प्रदर्शन शुरू हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंसल समूह के खिलाफ एफआईआर घोषित करने का निर्देश जारी कर दिया। स्पष्ट संदेश के साथ कि निवेशकों के साथ धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रा लिमिटेड (API) दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। लखनऊ में कंपनी का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि नोएडा में जो सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है-उसका दायरा 3300 एकड़ तक सीमित है। जबकि अंसल ग्रुप की सुशांत गोल्फ सिटी 6400 एकड़ पर बसी है।
लखनऊ की सुशांत गोल्फ सिटी, लखनऊ ही नहीं बल्कि बाहरी लोगों के सपनों का जहां बनती गई। चौड़ी सड़कें, गगनचुंबी इमारतें और व्यवस्थित बसावट लोगों केा आकर्षित करती गई और वे यहां मकान, जीन, विला के लिए निवेश करते रहे। पिछले एक दशक से निवेशक जमीन, प्रॉपर्टी की उम्मीद लगाए हुए थे। लेकिन प्रॉपर्टी तो नहीं मिली बल्कि कंपनी दिवालिया घोषित हो गई। इस खबर ने निवेशकों का हिलाकर रख दिया। और वे विरोध के लिए बाहर निकले हैं। कईयों की जीवनभर की कमाई फंस गई है।
हालांकि कुछ निवेशक इसे कंपनी की साजिश मान रहे हैं। इस तर्क के साथ कि कंपनी ने हाल ही में लखनऊ में 250 करोड़ की जमीनें बेची थीं, लेकिन महज 80 करोड़ रुपये न चुकाने पर उसे दिवालिया घोषित कर दिया गया। ये तथ्य निवेशकों को बेचैन कर रहा है। और इसीलिए वे कंपनी के निदेशकों पर ही साजिशन दिवालियापन का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि एक हकीकत ये भी है कि अंसल समूह पर पहले से ही सीबीआई और ईडी का शिकंजा कसा हुआ है।