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यमन में टली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी, जानिए ये कैसे हो पाया संभव

यमन से भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, पता चला है कि यमन के स्थानीय अधिकारियों ने निमिषा प्रिया को मिलने वाली फांसी की सजा को स्थगित कर दिया है। आपको बता दें कि इससे पहले यमन में निमिषा प्रिया को बुधवार 16 जुलाई, 2025 को फांसी की सजा देने का फैसला किया गया था। निमिषा के घरवालों और उसके समर्थकों के लिए ये राहत भरी खबर सामने आई है।

सूत्रों ने क्या बताया?

सूत्रों ने जानकारी दी है कि “भारतीय मूल की निमिषा प्रिया एक नर्स हैं, जिन्हें यमन के नागरिक हत्या की हत्या के आरोप में यमन उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषी करार दिया गया था। 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जानी थी, फिलहाल उन्हें 16 जुलाई को फांसी की सजा नहीं दी जा रहीं है।”

कैसे संभव हुआ ये फैसला?

जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार, इस मामले में शुरुआत से ही निमिषा प्रिया को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। हाल के दिनों में निमिषा प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए और समय देने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं। इसमें शामिल संवेदनशीलताओं के बावजूद, भारतीय अधिकारी स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक कार्यालय के साथ नियमित संपर्क में रहे हैं, जिसके कारण सजा में स्थगन का फैसला संभव हो पाया है।

निमिषा को क्यों हुई फांसी की सजा?

आपको बता दें कि निमिषा प्रिया को साल 2017 में यमन के एक नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। उस शख्स ने कथित तौर पर निमिषा प्रिया को प्रताड़ित किया और उसके साथ मारपीट की। निमिषा ने उस शख्स के कब्जे से अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए, कथित तौर पर उस यमनी व्यक्ति को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन ज़्यादा मात्रा में दवा लेने से उस शख्स की मौत हो गई। इसके बाद केरल की रहने वाली 37 वर्षीय निमिषा को यमन में मौत की सजा सुनाई गई थी।

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