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LIVE UP Budget 2025: योगी सरकार ने खोला खजाना, छात्रों को स्कूटी, 58 नगर पालिका बनेंगे स्मार्ट सिटी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का आज, गुरुवार को सदन में बजट 2025 पेश कर रही है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पढ़ रहे हैं।  यह बजट में युवाओं के रोजगार, उद्योग व गरीब उत्थान पर केंद्रित हैं। यह बजट 8 लाख करोड़ का है। इसमें करीब 25 हजार करोड़ रुपये की नई योजनाओं के ऐलान की उम्मीद है। इसके जरिए जहां वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को साधने में मदद मिलेगी, वहीं राज्य की जीडीपी में भी इजाफा होगा।

वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट अनुमानों पर वित्त मंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम

● प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।

● एम.एस.एम.ई. सेक्टर एक महत्वपूर्ण रोजगार परक सेक्टर है, इस प्रकार इन उद्यमों के विकास से जहाँ प्रदेश का समावेशी विकास होता है, वहीं रोजगार सृजन की असीम सम्भावनाएं भी उत्पन्न होती हैं।

● प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से वर्ष 2024-2025 में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान प्रारम्भ किया गया है।

● योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 225 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग

● हथकरघा उद्योग कृषि क्षेत्र के बाद उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीयकृत कुटीर उद्योग है।

● प्रदेश में लगभग 1.91 लाख हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हजार हाउस होल्ड हैं।

● प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से लगभग 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं।

● पीएम मित्र योजना के अन्तर्गत टेक्सटाइल पार्क की स्थापना से सम्बन्धित व्यय हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश वस्त्र गारमेन्टिंग पालिसी, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।

● अटल बिहारी बाजपेई पॉवरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट अनुमानों पर वित्त मंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास

● जब वर्ष 2017 में हमने कार्यभार सम्भाला था उस समय प्रदेश में औद्योगिक विकास पूरी तरह से रूका पड़ा था।

● उद्योग प्रदेश से विस्थापित हो रहे थे। उस समय कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि प्रदेश में उद्योग-धन्धे आयेंगे भी, परन्तु दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास और लक्ष्य प्राप्ति के अथक प्रयासों से कुछ भी सम्भव है-

लोग कहते हैं बदलता है जमाना अक्सर
खास वो हैं जो जमाने को बदल देते हैं।

● राज्य सरकार द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफलतम आयोजन किया गया जिसमें लगभग 36 लाख करोड़ के निवेश के एम.ओ.यू, पर हस्ताक्षर किया गया।

● उक्त समिट के एक वर्ष के अन्दर ही 6.50 लाख करोड़ से अधिक निवेश से या तो वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ हो गया है अथवा सम्बन्धित परियोजनायें निर्माणाधीन हैं। जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

● राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में चार नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण का निर्णय लिया गया है।

● आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जायेगा, जिसके लिये 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली होते हुये सोनभद्र से जोड़ने के लिये विन्ध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।

● बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे का निर्माण निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।

● बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर परियोजना हेतु लगभग 461 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अन्तर्गत लगभग साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है।

● लखनऊ में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स सिटी के विकास हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● साईबर सुरक्षा में टेक्नोलॉजी ट्रान्सलेशन रिसर्च पार्क की स्थापना हेतु 3 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट अनुमानों पर वित्त मंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश

● आज से सात-आठ साल पहले प्रदेश में चिकित्सा सुविधायें अत्यन्त जर्जर अवस्था में थीं।

● प्रत्येक वर्ष प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में संक्रमक रोगों से बड़े पैमाने पर मौतें हुआ करती थीं।

● प्रदेश में रोगों की पहचान, रोकथाम और इलाज की व्यवस्थायें जनमामान्य को उपलबध नहीं थीं।

● हमने कोविड वैश्विक बीमारी का दौर भी देखा जिसके दौरान प्रदेश में जिस कुशलता के साथ इस विभीषिका का सामना किया गया उसकी प्रशंसा विश्व स्तर पर की गई।

● आज प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का प्रसार जिस प्रकार हुआ है. और लगातार हो रहा है वह अदभुत है-

रात कितनी ही भले हो स्याह आखिर में उसे, मात खानी ही पड़ेगी रोशनी के हाथ से।

चिकित्सा शिक्षा

● वर्तमान में प्रदेश में 80 मेडिकल कालेज है जिनमें 44 राज्य सरकार द्वारा संचालित हैं एवं 36 निजी क्षेत्र में है।

● प्रदेश में 02 एम्स एवं आई०एम०एस०, बी०एच०यू०, वाराणसी तथा जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ संचालित हैं।

● वर्ष 2024-2025 में 13 स्वाशासी चिकित्सा महाविद्यालय एवं पी०पी०पी० मोड पर 03 जनपदों-महाराजगंज, सम्भल तथा शामली में नवीन मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये हैं।

वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट अनुमानों पर वित्त मंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश

● वर्तमान में प्रदेश में राजकीय एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों/चिकित्सा संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में एम०बी०बी०एस० की 11,800 सीटें तथा पी०जी० की 3971 सीटें उपलब्ध है।

● केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-2026 में यू०जी० पी०जी० हेतु कुल 10,000 सीटें जोड़े जाने की घोषणा की गई है, जिसमें से 1500 सीटें उत्तर प्रदेश को प्राप्त होंगी। इस हेतु लगभग 2066 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्ष 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी की कुल सीटों की संख्या 120 थी। शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में सीटों की संख्या को बढ़ाकर 250 किया गया।

● जनपद बलिया तथा बलरामपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु क्रमशः 27 करोड़ रुपये तथा 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट अनुमानों पर वित्त मंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

● आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत 5.13 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं।

● आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।

● प्राथमिक स्वास्थ्य इकाईयों को आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के रूप में उच्चीकृत किया जा रहा है।

● वर्तमान में कुल 22,681 आयुष्मान आरोग्य मन्दिर स्थापित है।

● उप केन्द्रों से टेलीकन्सलटेशन प्रारम्भ कर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने का आरम्भ जुलाई, 2020 से किया गया है।

● प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पोषित पी०पी०पी० मोड पर निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।

● प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पी०पी०पी० मोड पर जनपदीय चिकित्सालयों में सी०टी० स्कैन की निःशुल्क सेवा उपलब्ध करायी जा रही है।

आयुष

● प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालयों के साथ ही 08 आयुर्वेदिक कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय, 02 यूनानी कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय तथा 09 होम्योपैथिक कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय संचालित हैं।

● वित्तीय वर्ष 2025-2026 में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की स्थापना कराया जाना लक्षित है।

छात्रों को मिलेगी स्कूटी

योगी सरकार ने 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपए का बजट पेश किया। पिछले साल की अपेक्षा इस बार सरकार ने 9.8 प्रतिशत बजट बढ़ाया। मेधावी छात्राओं को पात्रता के आधार पर मिलेगी स्कूटी। यूपी में नॉलेज पार्क की तर्ज पर विज्ञान पार्क बनाएगी सरकार।

राजकीय पॉलिटेक्निक में स्मार्ट क्लासेज और डिजिटल लाइब्रेरी। एआई को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होगी। नगर निगम की तर्ज पर 58 नगर पालिका परिषद बनेंगे स्मार्ट सिटी। श्रमिकों के लिए लेबर अड्डों पर बनेंगे कैंटीन व शौचालय। बजट में से नागरिकों की बेहतर सुविधाओं के लिए 22 प्रतिशत, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि के लिए 11 प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 6 प्रतिशत और सामाजिक सुरक्षा के लिए 4 प्रतिशत बजट आवंटित।

2017 से पहले यूपी बदहाल था- सुरेश खन्ना

इनोवेशन फंड की स्थापना करेंगे। जीरो पावर्टी अभियान शुरू किया गया है। युवाओं को ब्याज मुक्त ऋण दे रहे हैं। स्टार्टअप को भी बढ़ावा दे रहे हैं। 2017 से पहले यूपी बदहाल थी। अर्थव्यवस्था वन ट्रिलियन का टारगेट।

 बजट पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के उद्बोधन के प्रमुख अंश

● मैं इस सम्मानित सदन को बताना चाहूँगा कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा प्रदेश के जिला मुख्यालयों में कामगार/श्रमिक अड्‌डे बनवाने की योजना पर कार्य किया जायेगा जिसमें कैन्टीन, पीने के पानी, स्नानागार और शौचालय की व्यवस्था करायी जायेगी.

● हमारी सरकार द्वारा गाँधी जयन्ती के अवसर पर 02 अक्टूबर, 2024 से ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ का प्रारम्भ किया गया है.

● इस अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत से निर्धनतम परिवारों को चिन्हित करते हुये उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के और उनकी वार्षिक आय कम से कम 1,25,000 रुपये के स्तर तक लाये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है.

बजट पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के उद्बोधन के प्रमुख अंश

● प्रदेश के विभिन्न वर्गों के उत्थान एवं सशक्तीकरण से सम्बन्धित संक्षिप्त विवरण इस सम्मानित सदन के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूँगा-

किसान

● प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लगभग 03 करोड़ कृषकों को लगभग 79,500 करोड़ रुपये की धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से हस्तांतरित की गयी.

● प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को लगभग 496 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान कराया गया.

● पी.एम. कुसुम योजना के अन्तर्गत वर्ष 2024 में कृषकों के प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के कुल 22,089 सोलर पम्पों की स्थापना करायी गयी.

● कृषकों को दुर्घटनावश मृत्यु दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना दिनाँक 14 सितम्बर, 2019 से लागू की गई है.

● कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एस्क्रो एकाउन्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिसके फलस्वरूप चीनी मिलों में गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा है.

● वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अब तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को लगभग 2.73,000 करोड़ रुपये का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया.

● यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य से 59,143 करोड़ रूपये अधिक है.

● औसत गन्ना उत्पादकता 72 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 85 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ जाने से किसानों की आय में औसतन 370 रूपये प्रति कुन्तल की दर से 43,364 रूपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई.

● इसके लिये शोध संस्थानों के वैज्ञानिक, छात्र तथा हमारे परिश्रमी किसान भाई बधाई के पात्र है.

बजट पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के उद्बोधन के प्रमुख अंश

● प्रदेश को आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के क्षेत्र में एक हब के रूप में विकसित करने हेतु “आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स सिटी” की स्थापना तथा साईबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रान्सलेशन पार्क की स्थापना की नई योजना बजट में सम्मिलित की गयी है.

● प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आई०सी०टी०लैब तथा स्मार्ट क्लासेज की स्थापना पर कार्य किया जा रहा है.

● राजकीय पॉलीटेक्निकों में स्मार्ट क्लासेज तथा पूर्णतया डिजिटल लाईब्रेरी की स्थापना की योजना प्रस्तावित की गयी है.

● आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स को बढ़ावा देने हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना प्रस्तावित की गई है।

● प्रदेश में साईन्स सिटी, विज्ञान पार्कों और नक्षत्रशालाओं की स्थापना एवं नवीनीकरण की कार्ययोजना बनायी जा रही है.

● नगर निगमों के अलावा प्रदेश के जनपद मुख्यालय के 58 नगर निकायों को आदर्श स्मार्ट नगर निकाय के रूप में विकसित किये जाने हेतु विभिन्न योजनाओं के कनवर्जेन्स के माध्यम से कार्य कराया जायेगा.

● इस हेतु प्रति नगर निकाय के लिये 2.50 करोड़ रुपये इस प्रकार कुल 145 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

बजट पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के उद्बोधन के प्रमुख अंश
● वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट में सम्मिलित प्रमुख योजनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत करने के पूर्व में, बजट की संक्षिप्त रूपरेखा इस सम्मानित सदन के समक्ष रखना चाहूँगा.

● प्रस्तुत बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ 06 लाख रुपये है जो वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है.

● बजट में पूँजीगत परिव्यय कुल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत है.

● पूँजीगत परिव्यय के अन्तर्गत अवसंरचना निर्माण, विस्तार और निवेश संबंधी व्यय आते हैं.

● उद्योग, आवागमन, उत्पादों की बाजार तक पहुंच तथा प्रदेश में पूँजी निवेश को आकर्षित करने जैसे महत्वपूर्ण गतिविधियों में पूँजीगत व्यय की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है.

● इस बजट में अवस्थापना विकास हेतु 22 प्रतिशत, शिक्षा हेतु 13 प्रतिशत, कृषि और सम्बद्ध सेवाओं हेतु 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में 6 प्रतिशत, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों हेतु 4 प्रतिशत एवं संसाधन आवंटित किये गये हैं.

● हमने बजट में शोध एवं विकास तथा सूचना प्रौद्योगिकी पर भी ध्यान दिया है.

● विधान सभा को आधुनिक आई०टी० सिस्टम्स से लैस करने के लिये बजट में विशेष रूप से व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। यह प्रक्रिया आगे भी चलती रहेगी.

 वित्त मंत्री के उद्बोधन के प्रमुख अंश

● नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-2015 से 2022-2023 तक की अवधि के लिये राज्यों की राजकोषीय स्थिति के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है, जिसमें उत्तर प्रदेश को अग्रणी (फंट रनर) राज्य की श्रेणी में रखा गया है.

● समेकित “फिस्कल हेल्थ इन्डेक्स” जो वर्ष 2014 से 2019 की अवधि में 37.0 था, 2022-2023 में बढ़कर 45.9 हो गया है.

● रिपोर्ट के अनुसार व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है. वर्ष 2018 से 2023 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा.

● इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा.

● सामाजिक क्षेत्र में पूँजीगत व्यय में 27 प्रतिशत तथा राजस्व व्यय में 9 प्रतिशत वार्षिक दर से वृद्धि हुई. इसी प्रकार, आर्थिक सेवाओं के अन्तर्गत भी पूँजीगत व्यय में पर्याप्त वृद्धि परिलक्षित हुई.

● वित्तीय वर्ष 2018-2019 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर व्यथ कुल व्यय का 4.9 प्रतिशत था जो वर्ष 2022-2023 में बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गया, जो देश के प्रमुख राज्यों में सर्वाधिक था.

● प्रदेश का राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा के अधीन रहा है.

● राजस्व बचत तथा प्राथमिक बचत के कारण सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में ऋणग्रस्तता में कमी दर्ज की गयी.

● भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा राज्यों के बजट के संबंध में वित्तीय वर्ष 2024-2025 में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट के कुछ मुख्य बिन्दु में इस सम्मानित सदन के समक्ष प्रस्तुत करना चाहूंगा.

● देश के सभी राज्यों की स्वयं के कर की प्राप्तियों में उत्तर प्रदेश का अंश वर्ष 2022-2023, 2023-2024 एवं 2024-2025 में क्रमशः 9.9 प्रतिशत, 10.5 प्रतिशत एवं 11.6 प्रतिशत रहा जो महाराष्ट्र के उपरान्त देश में सर्वाधिक है.

● उक्त वर्षों में सभी राज्यों में राजस्व प्राप्तियों के सापेक्ष ब्याज पर व्यय क्रमशः 12.6, 12.3 एवं 12.1 प्रतिशत रहा जबकि उत्तर प्रदेश में यह प्रतिशत 10.3, 9.4 एवं 8.9 रहा.

● सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में सभी राज्यों की स्वयं के कर से प्राप्ति का औसत उक्त वर्षों में क्रमशः 6.5, 7.0 तथा 7.2 प्रतिशत रहा, जब कि उत्तर प्रदेश में यह अनुपात क्रमशः 7.6, 9.8 तथा 10 प्रतिशत रहा.

वित्त मंत्री के उद्बोधन के प्रमुख अंश

● हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षण, औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास में उल्लेखनीय प्रगति हुई है तथा प्रदेश भारत में सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है.

● राज्य सरकार द्वारा अवस्थापना सुविधाओं का त्वरित विकास किया गया है.

● कई निवेशोन्मुख नीतियां घोषित की गई है तथा कारोबारी माहौल में अभूतपूर्व सुधार किया गया है, जिससे प्रदेश की छवि आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य से परिवर्तित होकर एक प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित हुई है.

● विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है.

● राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों एवं मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को अपना माल भारत एवं विदेशों के बाजारों में भेजने के लिये परिवहन के विभिन्न साधनों के बीच निर्बाध रूप से स्विच करने की सुविधा प्रदान करेगी.

● कानून व्यवस्था तथा विद्युत आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार, सक्रिय नीतिगत निरूपण एवं इन्वेस्ट यू०पी० में निवेश सारथी, निवेश मित्र तथा ऑनलाइन प्रोत्साहन लाभ प्रबंधन प्रणाली जैसी डिजिटल सुविधाओं से निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है तथा राज्य में व्यापार करने के लिये अनुकूल वातावरण सृजित हुआ है.

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के बजट भाषण के प्रमुख अंश

जिस दिन से चला हूँ मेरी मंजिल पर नजर है
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।

“मेष राशिगते जीवे मकरे चन्द्रभास्करौ।
अमावस्या तदा योगः कुम्भख्यस्तीर्थ नायके ।।

बजट से पहले वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पढ़ा शेर

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करने से पहले शेर पढ़ा- अधूरी ख्वाहिशें जीने का मजा देती है, सब मांगें पूरी हो जाएंगी तो तमन्ना किसकी करोगे।

यूपी बजट हुआ पेश

यूपी विधानसभा में बजट पेश कर दिया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पढ़ रहे हैं। इस बार का बजट 2027 के चुनाव का रोडमैप हो सकता है। अनुमान है कि 8 लाख करोड़ से अधिक का बजट होगा।

कैबिनेट बैठक में बजट को मिली मंजूरी

योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में बजट 2025 को मंजूरी मिल गई है। अब से थोड़ी देर में यूपी विधानसभा के सदन में बजट पेस किया जाएगा। यह बैठक सीएम आवास पर चल रही थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार का बजट आठ लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सदन में बजट पेश करेंगे।

कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है… वित्ता मंत्री सुरेश खन्ना

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट से पहले आज अपने आवास पर पूजा-अर्चना की। पूजा के बाद वह कैबिनेट बैठक के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएम योगी की इच्छा है कि उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बने। राज्य का पर कैपिटा इनकम बढ़े और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले। बजट में सरकार का कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है। जिसका कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है, उससे अच्छी सरकार कोई नहीं है। सब कुछ प्रदेश की 25 करोड़ जनता के कल्याण के लिए है। बजट का आकार विधानसभा में सामने आएगा। यह बजट सभी को शामिल करने वाला है।

शादी अनुदान और अभ्युदय योजना के लिए मांगा बजट

राज्य सरकार गुरुवार को बजट पेश करेगी। समाज कल्याण विभाग की ओर से दो योजनाओं में बजट बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। शादी अनुदान योजना में 150 करोड़ रुपये और अभ्युदय कोचिंग योजना में 25 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। समाज कल्याण विभाग की ओर से विभिन्न योजनाएं संचालित की जाती हैं। इस विभाग को सरकार का चेहरा भी माना जाता है क्योंकि जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ दिया जाता है। शादी अनुदान योजना तीन वर्ष बाद शुरू हुई है।

इस बार सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए 30 और सामान्य वर्ग के लिए 10 करोड़ रुपये दिए हैं। विभाग की ओर से शासन को भेजे गए प्रस्ताव में नए वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति के लिए 100 और सामान्य वर्ग के लिए 50 करोड़ रुपये की मांग की गई है। वही अभ्युदय कोचिंग योजना में यूपीएससी, नीट, जेईई समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों प्रतिभागियों को लाभ दिया जाता है।

इस योजना के तहत प्रदेश में 23 हजार 195 विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी उक्त योजना के तहत कर रहे हैं। सरकार की ओर से योजना में 30 करोड़ का बजट दिया जा रहा है। विभाग ने 25 करोड़ का अतिरिक्त बजट की मांग नए वित्तीय वर्ष में की है। अगर सरकार विभाग के प्रस्ताव को मान लेती है तो 55 करोड़ का बजट अभ्युदय कोचिंग योजना के तहत मिलने लगेगा। जिसका फायदा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों को मिलेगा। समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि प्रस्ताव शासन को एक सप्ताह पूर्व भेज दिया गया था।

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