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मुफ्ती असजद मियां की खुसूसी दुआ के साथ सातवां दो रोज़ा उर्स-ए-ताजुश्शरिया संपन्न

बच्चियों को तालीम जरूर दे मोबाईल से रखे दूर ,शरीयत में दखल अंदाजी बर्दश नही हुकूमत की- काज़ी-ए- हिन्दुस्तान

ख्वाजा एक्सप्रेस संवाददाता 

 

  बरेली। सुन्नी बरेलवी मुसलमानो के सबसे बड़े मजहबी रहनुमा ताजुशरिया मुफ्ती अख़्तर रज़ा खां (अजहरी मियां) का सातवां दो रोज़ा उर्स की रस्मे दरगाह ताजुशारिया के सज्जादानशीन काज़ी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी की सरपरस्ती और जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां की सदारत व जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में अदा की गयी। जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने बताया दरगाह ताजुशारिया पर कुरानखानी व नात मनकबत की महफिल सजाई गई। सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर मुफस्सिर-ए-आज़म जिलानी मियां के कुल की रस्म अदा की गई। दिन भर दरगाह आला हजरत और दरगाह ताजुशरिया पर जायरीनों की हाजरी का सिलसिला चलता रहा। देश-विदेश आये उलमा-ए-किराम ने शिरकत फरमायी। मुख्य कार्यकर्म उर्स स्थल मदरसा जामियातुर रज़ा में दोपहर 03 बजे से क़ारी शरफुद्दीन रज़वी ने क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से उर्स के प्रोग्राम का आगाज़ किया। और मौलाना गुलज़ार रज़वी साहब ने प्रोग्राम की निज़ामत की। सैयद कैफ़ी ने नात-ओ-मनकबत का नज़राना पेश किया। बाहर से आये ज़ायरीन के लिए लंगर व ठहरने का बड़े पैमाने पर इंतेज़ाम किया गया। देश विदेश से आए उलमा-ए-इकराम ओर सज्जादागान ने तकरीर की।

मुफ्ती असजद मियां ने अपनी तकरीर मे कहा पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में बार बार गुस्ताखी की जाती है। ऐसे लोगो के खिलाफ हुकूमत सख्त से सख्त कार्रवाई करें। जो कानून बना है उसको सख्त से सख्त पालन किया जाए। जिससे कोई भी इंसान दोबारा गुस्ताख़ी ना करे। अपनी बच्चियों को खास तौर पर दीनी तालीम जरूर सिखाए। मोबाईल से दूर रखे। दीन पर कायम रहें। और मसलक-ए-आला हजरत पर पाबंद रखे। शरीयत में हुकूमत की दखल अंदाजी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी । 

कालपी के सज्जादाशीन सैय्यद गियास मियां ने कहा कल भी बरेली शरीफ मरकज़ था और आज भी मरकज़ है और क़यामत तक मरकज़ रहेगा हम किसी की भी मनमानी नहीं मानते हम सिर्फ काजी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा़ खां का़दरी को अपना रहबर वा काईद मानते हैं।

 

मुफ़्ती शहज़ाद आलम मिस्बाही साहब ने अपनी तक़रीर में कहा कि नाम निहाद मौलाई बातिल अकीदा रखने वालो ने आला हज़रत के खिलाफ़ सुन्नी मुसलमानों को बहका रहे हैं और आला हज़रत के दुश्मन बना रहे हैं। इनके अलावा मुफ्ती अफ़ज़ल रज़वी साहब ने ताजुश्शरिया के तक़वे व फतवों पर बयान किया उन्होंने बताया कि आला हज़रात ने ज़िन्दगी भर ग़ुस्ताख़े रसूल का रद किया और लोगों को इसके रसूल का दर्स व लोगो के दिलों में इसके रसूल की शाम जलाते रहे, जिससे आपको दुनियाभर में लोग आशिके रसूल से जानते हैं। बगदाद शरीफ शेख उमर अल बगदादी, साउथ अफ्रीका के अफ्ताफ कासिम साहब, बिलग्राम शरीफ के सज्जादानशीन सैय्यद सोहिल मिया, बस्ती के मुफ्ती अख्तर अलीमी, काज़ी-ए-शहर अयोध्या मौलाना अब्दुल मुस्तफा, काज़ी-ए-शहर मऊ मुफ्ती शमशाद, रामपुर काज़ी-ए-शहर मुफ्ती फैजान मियां ने भी तकरीर की। फातिहा फैजू नबी ने और दुआ काज़ी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी ने देश में अमन-ओ-अमान और फिलस्तीन के मुसलमानों की हिफाजत के लिए की।

जमात रज़ा के वरिष्ठ सदस्य समरान खान ने बताया उर्स का कार्यक्रम ऑडियो लाइव प्रसारण किया गया। जो लोग किसी कारण उर्स पर नहीं आ पाए वह लोगों ने अपने घरों, दुकानों और मदरसों में ऑडियो प्रसारण के जरिए कुल मनाया।

उर्स की व्यवस्था की देखरेख में मोईन खान ख़ान,समरान खान हाफिज इकराम रज़ा, शमीम अहमद, कौसर अली, यासीन खान, दानिश रज़ा, मो.जुनैद रज़ा, शैबुद्दीन रज़वी, ज़ुल्फ़िकार अहमद , ज़हीर अहमद, ज़फ़र बेग, मो.जुनैद रज़ा, साकिब अली, साकिब ख़ान, आतिफ़ ख़ान, कैफ़ी अली, रहबर रज़ा ,अली रज़ा, शाहबाज खान, मोनिस रज़ा, अनस रज़ा ,नोफिल रज़ा ,आदि लोग लगे रहे ।।

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