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दिल्ली: लाल किले से सटे रामलीला मैदान में हुआ रावण दहन, PM मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू रहीं मौजूद

नई दिल्ली: देशभर में दशहरे के मौके पर एक उत्साह नजर आ रहा है। इस मौके पर दिल्ली के लाल किले से सटे रामलीला मैदान में भी रावण दहन हुआ। इस मौके पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद रहे। हर बार की तरह इस बार भी इको फ्रेंडली सामग्री से रावण, मेघनाद और कुम्भकरण का पुतला बनाया गया है।

राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने राम और लक्ष्मण का किरदार निभा रहे युवाओं की पूजा की

सबसे पहले मंच पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू पहुंची और भगवान राम और लक्ष्मण का किरदार निभा रहे युवाओं का तिलक कर उनकी पूजा की।

राम और रावण के बीच हुआयुद्ध

रावण दहन कार्यक्रम से पहले राम और रावण के बीच युद्ध का मंचन हुआ। राम ने रावण की नाभि में तीर मारकर उसका अंत किया। इसके बाद रावण, मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतलों का दहन किया गया।

क्यों मनाते हैं विजयादशमी?

हिंदू समाज में विजयादशमी के त्योहार का खास महत्व है। हर साल 9 दिन की नवरात्रि के बाद दशमी के दिन ये त्योहार आता है। इस दिन देश के हर राज्य और जिले में जगह-जगह रावण, कुंभकरण और मेघनाद का पुतला जलाया जाता है।

इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में मना जाता है कि त्रेतायुग में भगवान राम ने दशहरा के दिन ही रावण का वध किया था। इसलिए इस दिन को भगवान राम की जीत के उत्सव के रूप में मनाते हैं।

क्या है राम और रावण की कहानी?

हालांकि ये कहानी लगभग सभी को पता है, फिर भी हम यहां आपको इस बारे में बता रहे हैं। अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र राम, अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ 14 वर्षों का वनवास काट रह थे। इसी दौरान रावण ने सीता का हरण कर लिया था।

राम और लक्ष्मण जब सीता की तलाश में निकले तो उनकी मुलाकात हनुमान जी से हुई। हनुमान जी और वानरों की सेना की मदद ने भगवान राम ने रावण की लंका पर हमला बोला दिया। इस दौरान राम और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें रावण मारा गया और राम को विजय हासिल हुई। इसके बाद से दशहरा के दिन को हिंदू समाज त्योहार के रूप में मनाता है। ये दिन बुराई पर अच्छाई की जीत को याद दिलाता है।

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