
मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के एक वीडियो जारी करने के बाद महाराष्ट्र में एक बड़ा राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। इस वीडियो में कथित तौर पर एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विधायक और राज्य मंत्री संजय शिरसाट अपने आवास पर भारी मात्रा में कैश के साथ दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब एक दिन पहले ही संजय शिरसाट को इनकम टैक्स का नोटिस मिला है। संजय राउत द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो पर राजनीतिक घामासान बढ़ने के आसार हैं।
राउत ने शिवसेना और भाजपा पर निशाना साधा
संजय राउत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह वीडियो पोस्ट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस वीडियो फुटेज पर ध्यान देने का आग्रह किया।
इस वीडियो में महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट एक बेडरूम में सिगरेट पीते हुए दिखाई दे रहे हैं, उनके बगल में कैश से भरा एक सूटकेस रखा है। साथ ही एक और सूटकेस भी दिखाई दे रहा है। बगल में एक पालतू कुत्ता भी नजर आ रहा है।
राउत ने मराठी में लिखा, “यह रोचक वीडियो माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को देखना चाहिए! देश में क्या हो रहा है! (महाराष्ट्र के एक मंत्री का यह वीडियो बहुत कुछ कहता है)।”
शिरसाट को इनकम टैक्स नोटिस
बता दें कि यह वीडियो इनकम टैक्स द्वारा औरंगाबाद (पश्चिम) से शिवसेना शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट को नोटिस दिए जाने के एक दिन बाद सामने आया है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिरसाट ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि वह विभाग के साथ सहयोग करेंगे। शिरसाट ने कहा, “कुछ लोगों ने शिकायत की थी और इनकम टैक्स ने इस पर संज्ञान लिया है। हमने नोटिस का जवाब देने के लिए समय मांगा है। हम अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “कुछ लोगों को मुझसे समस्या थी, लेकिन मैं उन्हें जवाब दूंगा। कानून अपना काम कर रहा है और मुझे इससे कोई समस्या नहीं है। मैं किसी दबाव में नहीं हूं।”
शिंदे सेना कैश विवाद में उलझी
यह ताज़ा विवाद शिंदे सेना के विधायक संजय गायकवाड़ से जुड़े एक और विवाद के तुरंत बाद हुआ है। गायकवाड़ के खिलाफ एक कैंटीन कर्मचारी पर खाने की गुणवत्ता को लेकर कथित तौर पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गायकवाड़ के इस करतूत की निंदा की है। हालांकि विपक्ष ने विधायक के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया है।